महाराष्ट्रराजनीति

2022 के झटके से अभी उबरी नहीं MVA, शरद पवार बोले- 2024 में साथ लड़ना चाहिए

2022 के झटके से अभी उबरी नहीं MVA, शरद पवार बोले- 2024 में साथ लड़ना चाहिए

शरद पवार ने शिवसेना के बागी विधायकों द्वारा बगावत के लिए दिए गए कारणों पर कहा कि उन्होंने कोई सही कारण नहीं बताया था। वे हिंदुत्व की बात करते रहे लेकिन उनके फैसले के कारणों का कोई अर्थ नहीं है।

महाराष्ट्र में चले सियासी ड्रामे के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी की सरकार गिर गई और एकनाथ शिंदे ने भाजपा की मदद से सरकार बना ली। इसी बीच अब राजनीतिक एक्सपर्ट्स यह कयास लगा रहे हैं कि महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों का भविष्य किस तरफ जाएगा। इसी बीच रांकपा सुप्रीमो शरद पवार ने कहा है कि मेरी इच्छा है कि महा विकास अघाड़ी गठबंधन को 2024 विधानसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ना चाहिए।

मिलकर चुनाव लड़े महा विकास अघाड़ी
दरअसल, अपने दो दिवसीय दौरे पर औरंगाबाद पहुंचे शरद पवार ने मीडिया से कई मुद्दों पर बात की है। उन्होंने रविवार को कहा कि महाविकास आघाड़ी में शामिल शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस को 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि इस पर निर्णय सहयोगी दलों के साथ विचार विमर्श करने के बाद ही लिया जाए तो ज्यादा सही रहेगा।

कोई कारण नहीं बता पाए असंतुष्ट विधायक
शरद पवार ने शिवसेना के बागी विधायकों द्वारा बगावत के लिए दिए गए कारणों पर कहा कि नाराज विधायकों ने कोई सही कारण नहीं बताया था। कई बार वे हिंदुत्व की बात करते रहे लेकिन उनके फैसले के कारणों का कोई अर्थ नहीं है। उन्होंने दोबारा कहा कि असंतुष्ट विधायक कोई निश्चित कारण नहीं बता पाए। कभी वे हिंदुत्व के बारे में बात करते रहे तो कभी फंड के बारे में।
जिलों का नाम बदलने की जानकारी नहीं थी
चौंकाने वाली बात यह भी रही कि मीडिया से बात करते हुए शरद पवार ने बताया कि उन्हें औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलकर क्रमश: संभाजीनगर और धाराशिव रखने की कोई जानकारी नहीं थी। उद्धव ठाकरे सरकार के आखिरी मंत्रिमंडल की बैठक में औरंगाबाद और उस्मानाबाद जिलों के नाम बदलने संबंधी फैसले के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि यह मुद्दा एमवीए के न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल नहीं था और फैसला लिए जाने के बाद ही उन्हें इसकी जानकारी मिली।

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