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UP में योगी सरकार की एक और अग्निपरीक्षा, MLC की दो सीटों पर पक्ष-विपक्ष के बीच होगा घमासान

UP में योगी सरकार की एक और अग्निपरीक्षा, MLC की दो सीटों पर पक्ष-विपक्ष के बीच होगा घमासान के
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को बीते हुए तीन महीने हो चुके हैं। चुनाव में शानदार सफलता हासिल करने वाली बीजेपी के जीत का क्रम चुनाव के बाद एमएलसी और राज्यसभा चुनाव में भी बरकरार रहा। यहां तक की यूपी में रामपुर और आजमगढ़ में दो लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भी बीजेपी ने जीत हासिल कर सबको चौंका दिया था। इसके बाद राष्ट्रपति के चुनाव में भी योगी आदित्यनाथ ने अपने रणनीतिक और राजनीतिक कौशल से विपक्ष में सेंध लगाकर दिखा दिया।
हालांकि इस बार योगी के सामने दो सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर दबाव रहेगा। हालांकि बताया जा रहा है कि बीजेपी बहुमत के आधार पर यह दोनों सीटें आसानी से जीत लेगी। दरअसल यूपी में एमएमलसी की दो सीटों पर उपचुनाव होना है। इसके लिए आयोग की तरफ से अधिसूचना 25 जुलाई को जारी की जाएगी और मतदान 11 अगस्त को कराया जाएगा। जानकारी के अनुसार एक अगस्त तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे। इनकी जांच दो अगस्त को होगी और चार अगस्त तक वापस लिए जा सकेंगे।

हालांकि इस बार योगी के सामने दो सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर दबाव रहेगा। हालांकि बताया जा रहा है कि बीजेपी बहुमत के आधार पर यह दोनों सीटें आसानी से जीत लेगी। दरअसल यूपी में एमएमलसी की दो सीटों पर उपचुनाव होना है। इसके लिए आयोग की तरफ से अधिसूचना 25 जुलाई को जारी की जाएगी और मतदान 11 अगस्त को कराया जाएगा। जानकारी के अनुसार एक अगस्त तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे। इनकी जांच दो अगस्त को होगी और चार अगस्त तक वापस लिए जा सकेंगे।

अहमद हसन के निधन और जयवीर के इस्तीफे से खाली हुई है सीटें

उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य अहमद हसन का निधन 20 फरवरी को हुआ था। अहमद हसन का कार्यकाल 30 जनवरी 2027 तक था। दूसरे सदस्य ठाकुर जयवीर सिंह ने 24 मार्च को इस्तीफा दिया था। उनका कार्यकाल पांच मई 2024 तक था। विधायक बनने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

विधान परिषद में योगी सरकार की स्थिति मजबूत

दरअसल लम्बे समय बाद विधानसभा के साथ ही विधान परिषद में भी योग सरकार को पुर्ण बहुमत मिला हुआ है। इसका श्रेय योगी को दिया जाता है। विधान परिषद में पहली बार जहां कांग्रेस के एक भी सदस्य नहीं हैं यानी परिषद पूरी तरह से कांग्रेस मुक्त हो गई है वहीं सपा भी काफी कमजोर हुई है। सदन में सपा के महज 9 सदस्य ही बचे हैं जिसकी वजह से नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी भी चली गई है। माना जा रहा है कि सदन में बहुमत होने की वजह से दोनों ही सीटों पर योगी सरकार को जीत मिलनी लगभग तय है।

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