पर्यावरणपूणे

पेड़ हमारे सगे भाई से ज्यादा हमारा संरक्षण व पोषण करते है प्रा.डॉ.संजय बी.चोरडिया की भावना,५०० पेड़ो को राखी बांधकर ‘सूर्यदत्त’के छात्रा,महिला कर्मचारियों ने मनाया रक्षाबंधन का त्यौहार

पेड़ हमारे सगे भाई से ज्यादा हमारा संरक्षण व पोषण करते है प्रा.डॉ.संजय बी.चोरडिया की भावना,५०० पेड़ो को राखी बांधकर ‘सूर्यदत्त’के छात्रा,महिला कर्मचारियों ने मनाया रक्षाबंधन का त्यौहार

पुणे : पुरे देश में उत्साह से भाई-बहन के प्यार और गहरा करनेवाले रक्षाबंधन त्यौहार मनाया गया. पुणे के सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट में हर बारी की तरह इस बार भी अनूठे स्वरूप में यह त्यौहार मनाया गया. पेड़ हमें ऑक्सिजन देते है, धुप से बचने के लिए साया देते है. ऐसे में उनके प्रती कृतज्ञता व्यक्त करने की भावना से सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूट में वृक्ष-रक्षाबंधन जैसे खास कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमे पर्यावरण संवर्धन का सन्देश देते हुए, सूर्यदत्त की छात्रा और महिला कर्मचारियों ने ५०० पेड़ो को राखी बंधी. उसी में पुरुष कर्मचारी और छात्रों ने तिरंगा झंडा लगाकर उसे और सुन्दर बनाया. साथ ही आझादी के अमृतमहोत्सव के अवसर पर ७५ पेड़ लगाए गए. हर्बल गार्डन, ग्रीन कैम्पस ‘सूर्यदत्त’ की खूबी रही है.

‘सूर्यदत्त’ के बावधन कॅम्पस में यह कार्यक्रम हुआ. इसमें स्कुल से कॉलेज तक लगभग ५०० छात्रा और महिला कर्मचारी सहभागी हुई. अपने पेड़ भाई को बहुतही प्रेमपूर्वक राखी बांधकर पेड़ का संरक्षण करने का वादा लिया. ‘हर घर तिरंगा’ को लेकर सूर्यदत्त में ‘हर वृक्षपर तिरंगा’ यह उपक्रम भी आयोजित किया गया. इसमें ‘सूर्यदत्त’ के पुरष कर्मचारी व छात्रों ने झंडा बिठाया. ‘सूर्यदत्त’ के संस्थापक अध्यक्ष प्रा. डॉ. संजय बी. चोरडिया, उपाध्यक्षा सुषमा चोरडिया सहित सभी स्कुल, कॉलेज के प्राचार्य, विभागप्रमुख व शिक्षक बड़ी संख्या में उपस्थित थे. प्रशांत पितालिया, केतकी बापट, सायली देशपांडे, बाटु पाटील ने कार्यक्र्रम को यशसि बनाने में परिश्रम लिए.

प्रा. डॉ. संजय बी. चोरडिया म्हणाले, “स्वातंत्र्य दिन और रक्षाबंधन को लेके हमने वृक्षारोपण व वृक्ष-रक्षाबंधन मनाया. पेड़ हमारा सालो से रक्षण करता आ रहा है. वो हमें फूल, फल, ऑक्सीजन, ऊर्जा देता है. उसके प्रति कृतज्ञता मानाने का यह मौका हमने लिया. साथ ही हम ग्रीन कैम्पस और हर्बल गार्डन के लिए आग्रही है. यहां हजारो की संख्या में पेड़ है. हमारे बच्चे हमेशा वृक्षारोपण करते है. पर्यावरण रक्षा के लिए सूर्यदत्त का योगदान आनेवाले समय में रहेगा.”

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