15 अगस्त 2022 को भारत की स्वतंत्रता का 75वां वर्ष पूरा हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मार्च, 2021 को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में आजादी के अमृत महोसत्व का उद्घाटन किया था। क्योंकि इसी दिन माहात्मा गांधी ने ‘नमक सत्याग्रह’ की शुरुआत की थी। यह महोत्सव 15 अगस्त 2023 तक चलेगा।
आजादी के इस अमृत महोत्सव को मनाए जाने के कुछ कारण है। पहला यह कि भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी। दूसरा यह कि देश को स्वतंत्र करने के लिए जिन राष्ट्र सुपूतों ने बलिदान दिया और बहुत कष्ट सहे उन्हें याद करने का यह दिन है। तीसरा यह कि आजादी के 75 वर्ष पूरे हो गए हैं। इन कारणों से आजादी के अमृत महोत्सव के माध्यम उन सभी लोगों को स्वतंत्रता और लोकतंत्र के के सही मायने बताने बहुत जरूरी है और साथ ही यह बताना भी जरूरी है कि इन 75 वर्षों में भारत ने क्या उपलब्धियां हासिल की हैं।
वर्तमान समय में जो युवा पीढ़ी है जिनकी उम्र 18 से 35 वर्ष के बीच में है वह आजादी के संघर्ष और लोकतंत्र के महत्व को बेहतर ढंग से नहीं जानती हैं। कई विचारधारों में बंटी यह पीढ़ी गुमराही के एक चौराहे पर खड़ी है। ऐसे में उसे अपने देश के इतिहास और वर्तमान से जोड़ना जरूरी है। कहते हैं कि जो देश अपना इतिहास भुल जाता है उसका भूगोल भी बदल जाता है और यह हुआ भी है। कई कुर्बानियां व्यर्थ चली गई तब जबकि देश का विभाजन हुआ।भारत को आजाद कराने के लिए किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा और क्या-क्या कुर्बानियां भारत को देनी पड़ी यह आज की युवा पीढ़ी को जानना जरूरी है। साथ ही यह भी कि आने वाले समय में किन चुनौतियों का सामान करना पड़ेगा। हालांकि किताबों और स्कूल में पढ़ाए गए पाठ से उन्हें आजादी के बारे में बहुत हद तक कुछ जानकारी मिल जाती है लेकिन वह करीब से इसकी संघर्ष की कहानी को नहीं जानते हैं। इतिहास की बहुत सी बातें पाठ्यक्रम में नहीं, जिन्हें जानना या बताना जरूरी है।