समाज के अंतिम व्यक्ति के विकास से ही देश की प्रगति
यशवर्धन कुमार सिन्हा की रायः एमआईटी में यूपीएससी अचीवर्स के लिए १३वां राष्ट्रीय स्तर का सम्मान समारोह
पुणे : अगस्तः पूरी दुनिया एक वैश्विक गांव बन गया है. ऐसे समय में हमें मानवता को प्राथमिकता देनी चाहिए और उनके कल्याण के लिए काम करना होगा. ग्रामीण क्षेत्रों के उत्थान के लिए प्रशासनिक सेवा में बहुत कुछ किया जा सकता है. हमे इस बात को ध्यान में रखकर काम करना होगा कि समाज में अंतिम व्यक्ति का विकास कैसे होगा. यह राय पूर्व आईएफएस भारत के मुख्य सूचना आयुक्त यशवर्धन कुमार सिन्हा ने रखी.
एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी की ओर से कोथरूड स्थित स्वामी विवेकानंद सभामंडप में आयोजित केंद्रीय लोक सेवा आयोग प्रतियोगी परीक्षा २०२०-२१ में सफल छात्रों को १३वे राष्ट्रीय स्तर के सम्मान के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे.
राज्यसभा के पूर्व महासचिव और राज्यसभा सचिवालय के सलाहकार डॉ. पी.पी.के. रामचार्युलु, राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो, गृह मंत्रालय के निदेशक, रामफाल पवार और केंद्रीय प्रशासकीय न्यायाधिकरण के पूर्व अध्यक्ष और प्रख्यात वकील मंजुला दास मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता एमआईटी वर्ल्ड पीस युनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने निभाई.
इस मौके पर एमआईटी डब्ल्यूपीयू के कार्यकारी अध्यक्ष राहुल विश्वनाथ कराड, कुलपति डॉ. आर.एम. चिटणीस, प्र कुलपति डॉ. मिलिंद पांडे, प्र कुलपति डॉ, तपन पांडे, स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के अधिष्ठाता प्रो.डॉ. शालिनी शर्मा, स्कूल ऑफ सस्टेनेबल स्टडीज की निदेशक प्रो. अनामिका बिश्वास, डॉ. के. गिरीसन और डॉ. प्रसाद खांडेकर उपस्थित थे.
समारोह में देश से तीसरे स्थान पर आई गामिनी सिंगल को ५१ हजार रूपये का नकद पुरस्कार दिया गया. इसके साथ ही ५५ सफल छात्रों को गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सम्मानित किया गया.
यशवर्धन कुमार सिन्हा ने कहा, लोक सेवा एक विशेष सेवा है और यह समाज और देश के विकास के लिए होनी चाहिए. प्रशासनिक सेवा में कार्य करते हुए परिश्रम में विश्वास रखें. जो लोग लगातार समाज की कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करते हैं वे सफल हो जाते है. सिविल सेवाओं में प्रवेश करने के अपने इरादे को कभी न भूलें.
रामफाल पवार ने कहा, प्रशासनिक सेवाओं के लिए कडी मेहनत की जरूरत होती है. सकारात्मक सोच के साथ काम करने की जरूरत है. जनसेवा के लिए अधिक समय देना आवश्यक है. जैसा हम करेंगे वैसा ही समाज हमें देगा. आजादी के बाद से इस देश में हर साल १ करोड ३५ लाख लोंगों को गिरफ्तार किया जाता है. जो मानवता के खिलाफ है. कोर्ट के निर्देश के बाद ही गिरफ्तारी की जाए. इसी तरह इस देश में साइबर सुरक्षा और यातायात प्रबंधन पर बडे पैमाने पर काम करने की जरूरत है. सडकों पर मोटरसाइकिलों के लिए अलग लेन बनाने की नीति बनाई जाए.
डॉ. पी.पी. के. रामचार्युल ने कहा, युवा ऊर्जा सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण है. समाज और देश की प्रगति के लिए उपयुक्त नीतियां बनानी और लागू की जानी चाहिए. देश में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है. कौटिल्य ने भी इसका उल्लेख किया है. भ्रष्टाचार को जड से खत्म करने के लिए काम होना चाहिए. जब समाज में लगातार समस्याएं हो, तब प्रशासनिक सेवा में त्रुटियों की पहचान की जानी चाहिए और उन पर कार्रवाई की जानी चाहिए. ईमानदारी और पारदर्शिता से काम करने से देश का विकास होगा.
डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने कहा, छात्रों को शारीरिक रूप से स्वस्थ, मानसिक रूप से सतर्क, बौद्धिक रूप से तेज और आध्यात्मिक रूप से उन्नत होना चाहिए. जीवन में करियर और दर्शन अलग अलग होता है. इसे संतुलित रखें और अपने जीवन को आगे बढाएं. जीवन में अनुशासन और चरित्र का बहुत महत्व होता है. मानवता और सहिष्णुता के संदेश को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक कार्य किया जाए.
मंजुला दास ने कहा, लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए आपकी सेवा महत्वपूर्ण है. सबसे पहले भ्रष्टाचर को खत्म करने के लिए सभी को कडी मेहनत करनी होगी. राष्ट्रीय प्रगति के लिए मानव सेवा एक महत्वपूर्णकारक है. सुशासन लाने के लिए राजनीतिक स्तर पर काम करने की जिम्मेदारी अब सभी के कंधों पर है.
राहुल विश्वनाथ कराड ने कहा, समाज में जागरूकता पैदा करने के लिए यह एक छोटा का प्रयास है. सामाजिक परिवर्तन में शिक्षा प्रणाली सर्वोत्तम भूमिका निभा सकती है. डब्ल्यूपीयू में पारदर्शिता और शिक्षा के साथ साथ सामाजीकरण को भी महत्व दिया गया है. आजकल हर किसी को औपनिवेशिक मानसिकता को बदलने की जरूरत है और इंडिया को भारत कहने से आत्म सम्मान बढेगा.
दामिनी सिंह ने कहा, पहले तय करें कि हमें क्या करना है. शिक्षा, पारिवारिक, पृष्ठभूमि महत्वपूर्ण नहीं है लेकिन कडी मेहनत महत्वपूर्ण है. मेहनत से ज्यादा जरूरी है स्मार्ट वर्क. आप जो सपना देखते हैं उसके लिए प्रयास करते रहें. आज के युग में आर्थिक रूप से सशक्त बनने के लिए लडकियों को पढाई जारी रखनी चाहिए.
प्रो.डॉ. शालिनी शर्मा ने प्रस्तावना रखी. डॉ. आर.एम. चिटणीस ने स्वागत पर भाषण दिया.
प्रो.डॉ. गौतम बापट ने सूत्रसंचालन और डॉ. के. गिरीसन ने आभार माना.