नवीनता का जुनून और प्रयोगात्मक दृष्टिकोण विकसित करें
शिक्षक दिवस के अवसर मराठवाड़ा मित्र मंडल कॉलेज में आयोजित कार्यशाला में शुभांगी शिंदे की राय
पुणे : व्यावसायिक पाठ्यक्रम सीखते समय ज्ञान के साथ-साथ कौशल भी प्राप्त करना चाहिए। आपको अपने आप में सटीकता पैदा करनी चाहिए। असफलता से निराश न होकर आशा के साथ खड़े रहना जरुरी है बेहतर सफलता के लिए व्यावहारिक दृष्टिकोण बनाए रखना चाहिए। नवीनता का जुनून और प्रयोगात्मक दृष्टिकोण हमें सफल बनाते हैं,” ऐसी राय वरिष्ठ शिक्षाविद् और शैक्षिक सलाहकार शुभांगी शिंदे ने व्यक्त कि।
राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के अवसर पर मराठवाड़ा मित्र मंडल के वोकेशनल कोर्स विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में शुभांगी शिंदे बोल रही थीं। इस अवसर पर वरिष्ठ अध्यापक सिविल इंजीनियर सुभाष पत्की, वाइस प्रिंसिपल प्रो. रमेश पंडित, वोकेशनल कोर्स के वरिष्ठ अध्यापक डॉ. सुजाता शेणई, पर्यवेक्षक राजेंद्र खजूरे, प्रा. के. बी. पवार व प्रो. सुनील पवार मौजूद थे।
शुभांगी शिंदे ने कहा, “राइट बंधुओं को हवाई जहाज बनाने के लिए अपने गैरेज में बहुत सारे प्रयोग करने पड़े। लोग अक्सर उनसे कहते थे, ‘आप इसे कभी नहीं बना पाएंगे’ हालांकि, उन्होंने अपने दृढ़ संकल्प और प्रयोगात्मक रवैये को नहीं छोड़ा। खुले जंगल में जाकर पंछियों को देखते हुए उन्होंने प्लेन तैयार किया। अंतत: वे इसमें सफल हुए। इसलिए हमें दृढ़ता और प्रयोग को अपनाना चाहिए।”
“आजकल कौशल आधारित पाठ्यक्रम अपने पैरों पर खड़े होने के लिए महत्वपूर्ण हैं। कॉलेज के कई छात्र बिजनेस की शिक्षा लेकर बड़े उद्यमी बने हैं। इनसे कॉलेज के छात्रों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। कुछ दिनों का अनुभव हासिल करने के बाद छात्र अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर रहे हैं, ऐसा प्रो. रमेश पंडित ने परिचय भाषण में कहा।
सुभाष पत्की ने छात्रों को व्यावसायिक शिक्षा के महत्व के बारे में बताया। डॉ. सुजाता शेणई ने सूत्रसंचलन किया। राजेंद्र खजुरे, प्रो. के. बी. पवार और प्रो. सुनील पवार ने कार्यक्रम का संचालन किया।