उस्ताद राशिद खान का संगीत क्षेत्र मे योगदान प्रेरणादायी
प्रा. डॉ. संजय बी. चोरडिया ने उस्ताद राशीद खान को सूर्यभूषण राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करते समय की सराहना
पुणे : “विविधता मे एकता ही हमारे देश की पहचान है. जाति-धर्म के ऊपर जाकर हम खेल, संस्कृति और कला की विरासत संभालकर रखते है. राष्ट्रीय एकात्मता की यह भावना बनाए रखना जरुरी है,” ऐसा मत प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय गायक उस्ताद राशिद खान ने व्यक्त किया.
सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूट द्वारा भारतीय संगीत क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए उस्ताद राशिद खान को ‘सूर्यभूषण राष्ट्रीय पुरस्कार’ प्रदान किया गया. एक कार्यक्रम के लिए वे पुणे में आये थे. तभी ‘सूर्यदत्त’ द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया.
हॉटेल सयाजी मे हुए इस समारोह मे ‘सूर्यदत्त’चे संस्थापक अध्यक्ष प्रा. डॉ. संजय बी. चोरडिया, उपाध्यक्षा सुषमा चोरडिया, सामाजिक कार्यकर्ता रवींद्र माळवदकर, संगीतकार उदय देशपांडे, आर्थिक सल्लागार हर्षवर्धन देशपांडे, प्रा. सायली देशपांडे आदी उपस्थित थे.
राशिद खान ने कहा, “संगीत, गायन के द्वारा देश की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ है. शास्त्रीय संगीत को समज लेना चाहिए. संगीत-कला इंसानियत बरकरार रखने का काम करती है. नई पीढ़ी को सर्वधर्म समभाव सिखाने की जरूरत है. हमारे भारत जैसी भूमी दुनिया मे कहीं नहीं है. इसलिये हमे भारतीय होने का अभिमान है.”
प्रा. डॉ. संजय चोरडिया ने कहा की, उस्ताद राशिद खान का संगीत क्षेत्र मे योगदान भारतवासी के लिए प्रेरक है. उनकी संगीत साधना रसिको को मंत्रमुग्ध करती है. उनके योगदान के प्रति कृतज्ञता जताने के लिए उन्हें यह ‘सूर्यभूषण राष्ट्रीय पुरस्कार’ प्रदान करते समय हमें बहुत आनंद हो रहा है. ‘सूर्यदत्त’ कॅम्पस को भेट दे कर हमारे छात्रों को मार्गदर्शन करने के लिए आमंत्रित किया गया है.”
रवींद्र माळवदकर ने देश मे सर्वधर्मसमभाव जताने की आज के समय मे जरूरत है, ऐसा बताया. उदय देशपांडे ने उस्ताद राशिद खान के बारे मे जानकारी दी.