लखनऊ

नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा जनपद मऊ के बेलौली धाम, सोनबरसा में श्री निषाद राज जी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया

नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा जनपद मऊ के बेलौली धाम, सोनबरसा में श्री निषाद राज जी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया

 

भगवान राम के अनन्य भक्त राजा निषाद राज जी का जीवन बहुत ही त्याग, तपस्या का और प्रशंसनीय था

बेलौली धाम का विकास पूर्व की सरकारो द्वारा नहीं किया गया

लखनऊ/मऊ विशाल समाचार संवाददाता 

 

उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा रविवार को

जनपद मऊ के बेलौली धाम, सोनबरसा में एकलव्य जी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया एवं श्री लक्ष्मण जी के मंदिर में दर्शन कर श्री निषाद राज जी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर प्रदेश के जलशक्ति राज्यमंत्री श्री रामकेश निषाद भी मौजूद थे।

 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री ए.के. शर्मा ने कहा कि भगवान राम के अनन्य भक्त राजा निषाद राज जी का जीवन बहुत ही त्याग, तपस्या का और प्रशंसनीय था। भगवान श्री राम इस धाम पर आकर रुके थे, ऐसे धाम का भी विकास पूर्व की सरकारो द्वारा नहीं किया गया। लेकिन माननीय मोदी जी और योगी जी के नेतृत्व वाली डबल इंजन की सरकार जब से आई तभी से इस धाम का विकास कार्य हुआ। इस क्षेत्र में बिजली, पानी की व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि इस बार प्रयागराज महाकुंभ के साथ अन्य छोटे तीर्थ क्षेत्रों का भी विकास किया गया, जैसे कि श्रृंगवेरपुर, भारद्वाज ऋषि आश्रम, हनुमान जी का मंदिर, अक्षय वट आदि। उन्होंने श्रृंगवेरपुर धाम बनने की सबको हार्दिक बधाई भी दी।

 

श्री ए.के. शर्मा ने कहा कि जब पृथ्वी में जलस्रोतों को पार करने के आधुनिक संसाधन नहीं थे, उस समय से ही जल स्रोतों को पार करने का एकमात्र नाव साधन था और नाव को मात्र केवट ही चलते आ रहे है। जितनी पुरानी सृष्टि है उतना ही पुराना केवट, निषाद समाज का इतिहास है और अन्य जातियों के साथ सामंजस्य, पृथ्वी में जहां पर जल स्रोत है, वहीं पर मानव जीवन का विकास हुआ है। केवट, निषाद समाज आज के आधुनिक समाज के पूर्वज है। इसलिए वे नमन के पात्र है।

 

श्री ए.के. शर्मा ने कहा कि भगवान विष्णु को जलाधिपति कहा जाता है, जल स्रोतों के किनारे सदियों से केवट समाज रहता आया है इसीलिए भगवान राम और उनके परम भक्त व मित्र भगवान निषाद राज का संबंध इसी परंपरा का द्योतक है। उन्होंने प्रभु श्री राम और केवट निषाद राज का एक प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि ‘जो प्रभु पार अवश्य गा चहहूं, मोही पद पदुम पखारन कहहूं’ भगवान निषाद राज की भगवान के प्रति अगाध भक्ति थी।

मंत्री श्री ए.के. शर्मा ने कहा कि यह इलाका दोहरीघाट जैसे ही बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में आता है जो की सरयू नदी के बाढ़ के दौरान कटान से समस्या पैदा होती है। इस क्षेत्र में सड़क, बिजली घर-घर पानी देने, राशन, आयुष्मान कार्ड व अन्य योजनाओं का लाभ लोगों को दिया जा रहा है और जो भी विकास के कार्य होने होंगे उन्हें भी कराया जाएगा। उन्होंने जल शक्ति राजमंत्री से भी इस क्षेत्र के विकास के लिए कार्य करने का अनुरोध किया।

 

कार्यक्रम में राज्यमंत्री जलशक्ति श्री रामकेश निषाद, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री मनोज राय, पूर्व सांसद हरिनारायण राजभर, पूर्व जिला अध्यक्ष प्रवीण गुप्ता अन्य सभी भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं के साथ सैकड़ो की संख्या में मातृशक्ति, क्षेत्रवासी, गणमान्यजन तथा भाजपा पिछड़ा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री भास्कर निषाद उपस्थित रहे।

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