राजस्थान में क्या भारत जोड़ो यात्रा के जरिए सीएम गहलोत बजाएंगे चुनावी बिगुल, मिशन 2023 को लेकर 17 दिनों तक लगेगा जमघट
राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा 6 से 23 दिसम्बर तक रहेगी. यात्रा झालावाड़ के पिडावा से प्रवेश करेगी और शांति धारीवाल के गृह जिले कोटा में तीन दिन से अधिक रहेगी. यात्रा का एक बड़ा हिस्सा सचिन पायलट के प्रभाव वाले दौसा, सवाई माधोपुर, अलवर जिले का शामिल रहेगा.
Bharat Jodo Yatra in Rajasthan: राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पदभार ग्रहण समारोह में दिल्ली गए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने अब राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों की चुनौती भी है, यही वजह है कि दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और मुकुल वासनिक सहित पार्टी के कई नेताओं से गहलोत की यात्रा को लेकर चर्चा हुई है. भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में 6 दिसम्बर से 23 दिसम्बर तक यानी 17 दिन रहेगी.
राजस्थान और मध्य प्रदेश सहित राहुल गांधी की अगुवाई में चल रही भारत जोड़ो यात्रा अगले दो महीने हिंदी बेल्ट में रहने वाली है. लेकिन सबसे खास बात यह है कि कांग्रेस शासित राजस्थान एक मात्र राज्य है,
यात्रा 6 से 23 दिसम्बर तक रहेगी. यात्रा झालावाड़ के पिडावा से प्रवेश करेगी और शांति धारीवाल के गृह जिले कोटा में तीन दिन से अधिक रहेगी. यात्रा का एक बड़ा हिस्सा सचिन पायलट के प्रभाव वाले दौसा, सवाई माधोपुर, अलवर जिले का शामिल रहेगा. संभावित यात्रा के दौरान कोटा और दौसा में राहुल गांधी की बड़ी सभाओं का भी आयोजन होगा.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा है कि यात्रा के जरिए राजस्थान में कांग्रेस पार्टी 2023 और 2024 को लेकर अपनी तैयारियां और ताक़त दोनों दिखाए. भारत जोड़ो यात्रा में बड़ी संख्या में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता शामिल हों, ताकि आने वाले चुनाव का बिगुल इसी यात्रा के जरिए बजाया जा सके. कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा की तारीख घोषित कर दी है. हालांकि अभी विस्तृत कार्यक्रम आना बाकी है.