सीतामढ़ी

फाइलेरिया बीमारी से बचाव,रोकथाम एवं उस पर प्रभावी नियंत्रण के मद्देनजर रात्रि रक्त पट संग्रह(नाईट ब्लड सर्वे) अभियान का हुआ आगाज

फाइलेरिया बीमारी से बचाव,रोकथाम एवं उस पर प्रभावी नियंत्रण के मद्देनजर रात्रि रक्त पट संग्रह(नाईट ब्लड सर्वे) अभियान का हुआ आगाज

जिले के 17 प्रखंडों के चिन्हित गांव में एवं शहरी क्षेत्र (मिर्चाई पट्टी वार्ड नंबर 9एवं कोर्ट बाजार वार्ड नंबर 7) नाइट ब्लड सर्वे अभियान की शुरुआत की गई।

रात्रि रक्त पट्ट संग्रह शिविर में रात्रि 8:00 बजे के बाद रक्त के नमूने एकत्रित किए जाएंगे। 20 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों से ब्लड सैंपल नहीं लिया जाएगा।

इसके लिए स्थाई(Sentinel)एवं रेंडम साइट बनाए गए हैं।

उक्त अभियान 04 एवं05 नवम्बर तथा 07 एवं 08 नवम्बर को चलेगा।

सीतामढी बिहार: नाइक ब्लड सर्वे अभियान को सफल बनाने की दिशा में सभी आवश्यक तैयारियां मुकम्मल की जा चुकी है। अभियान की प्रॉपर अनुश्रवण स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन के पदाधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। त्रिस्तरीय पर्यवेक्षीय प्लान बनाया गया है । स्वयं जिलाधिकारी एवं अन्य वरीय पदाधिकारियों के द्वारा इसका अनुश्रवण किया जा रहा है। विभिन्न विभागों एवं स्टेकहोल्डर के द्वारा शिविर को सफल बनाने के निमित्त पूरी तैयारी की गई है। जीविका के द्वारा चार टीमें बनाई गई है।इसके अतिरिक्त आईसीडीएस एवं केयर तथा अन्य स्टेकहोल्डर के द्वारा पूरी मुस्तैदी से इस अभियान की सफलता के निमित्त कार्य किया जा रहा है। सभी संबंधित लैब टेक्नीशियन को तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया है।

रक्त का नमूना रात्रि 8:00 बजे से 12:00 तक लिया जाएगा। प्रत्येक साइट्स के द्वारा डेढ़ सौ ब्लड सैंपल लिए जाएंगे इस तरह कूल कुल 10800 ब्लड सैंपल का संग्रह किया जा सकेगा। नाइट ब्लड सर्वे अभियान के तहत 4 एवं 5 नवंबर तथा 7 एवं 8 नवंबर को ब्लड के नमूने लिए जाएंगे। बताया गया कि छूटे हुए व्यक्ति अगले दिन ब्लड का नमूना दे सकेंगे।

उक्त अभियान के बारे में जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉक्टर आर के यादव ने बताया कि *नाइट ब्लड सर्वे अभियान का संबंध फाइलेरिया उन्मूलन से है। उक्त अभियान के माध्यम से रोगियों की पहचान एवं रोग ग्रस्त क्षेत्र को चिन्हित किया जा सकेगा और तत्पश्चात चयनित स्थानों पर विशेष अभियान चलाकर फाइलेरिया उन्मूलन की दिशा में प्रभावी कार्य किया जाएगा।उन्होंने बताया कि फाइलेरिया बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए आम- आवाम को जागरूक होना अनिवार्य है। सभी लोग निर्धारित तिथि को संबंधित साइट पर जाकर खून की जांच हेतु अपना ब्लड सैंपल दें ताकि इस बात का पता चल सके कि किसी व्यक्ति में फाइलेरिया का कीटाणु हैअथवा नहीं। उन्होंने बताया कि जिस व्यक्ति में कीटाणु पाए जाते हैं उनमें साधारणतः इस रोग के लक्षण व चिंह दिखाई नहीं देते। ऐसे व्यक्ति इस रोग को अन्य लोगों में फैलाने का स्रोत बनते हैं। यदि ऐसे व्यक्तियों का समय पर उपचार कर दिया जाता है तो इसे ना केवल इस रोग की रोकथाम होगी बल्कि फाइलेरिया रोग को फैलने से भी रोका जा सकेगा। उन्होंने जिले वासियों से अपील की कि निर्धारित तिथि को चिन्हित शिविर में आकर रात्रि 8:00 बजे के बाद अपना ब्लड सैंपल जरूर दें।

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