पूणे

मातृत्व के सम्मान में’मदर्स यूनाइटेड मोमेंट’उपक्रम नीता लाड की भावना,शिखा खन्ना द्वारा लिखित’हंड्रेड सेल्फ पोट्रेट हंड्रेड ड्रीम्स’ का प्रकाशन

मातृत्व के सम्मान में’मदर्स यूनाइटेड मोमेंट’उपक्रम नीता लाड की भावना,शिखा खन्ना द्वारा लिखित’हंड्रेड सेल्फ पोट्रेट हंड्रेड ड्रीम्स’ का प्रकाशन

पुणे: “मदर्स यूनाइटेड मोमेंट (एमयूएम-मम) मातृत्व की गरिमा को बढ़ाने का एक मंच है। यहाँ स्थापित हुए मम एम्पावरमेंट फाउंडेशन के माध्यम से जीवन के सभी क्षेत्रों से माताओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए गतिविधियों को लागू किया जाए। साथ ही सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर माताओं को सशक्त बनाने के लिए भी काम होगा, मुझे ऐसा विश्वास है।” ऐसी भावना उद्यमी और सामाजिक कार्यकर्ता, अंत्योदय प्रतिष्ठान की संस्थापक नीता लाड ने व्यक्त की।

भारत की पहली बेबी फोटोग्राफर शिखा खन्ना की कॉफी टेबल बुक ‘हंड्रेड सेल्फ पोर्ट्रेट्स हंड्रेड ड्रीम्स’ के लॉन्च के समारोह में वे बोल रही थीं। पुणे के ऑक्सफोर्ड गोल्फ रिजॉर्ट में आयोजित समारोह में भारतीय जुंबा एंबेसडर सुचेता पाल, बीजा हाउस की संस्थापक गीतिका सहगल और अन्य लोग मौजूद थे। इस किताब में दुनिया के कोने-कोने से चुनी गई 100 मांओं की प्रेरक कहानियां हैं। इस अवसर पर मम एम्पावरमेंट फाउंडेशन की स्थापना की गई। सुंदरजी इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेशल स्कूल के बच्चों की प्रस्तुति ने दर्शकों का दिल जीत लिया।

शिखा खन्ना ने कहा, “जब मैंने इस यात्रा की शुरुआत की थी, तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे दुनिया भर से इतना प्यार और सराहना मिलेगी। इन 100 महिलाओं की प्रेरणा हमेशा मेरे साथ रहेगी। इन माताओं ने मेरे जीवन पर गहरा प्रभाव डाला है और मुझे और अधिक सक्षम होने के लिए प्रेरित किया है। मुझे हर मां का स्नेह और करुणा भाव मुझे प्रेरित करता हैं।”

“मम एक ऐसा मंच है जो माताओं को सशक्त बनाता है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला सशक्तिकरण की इस पहल की सराहना करते हुए एक पत्र लिखा है और इस पहल की सराहना की। मंच का उद्देश्य फोटोग्राफी और अन्य कला रूपों के उपयोग के माध्यम से जागरूकता और सशक्तिकरण का प्रभावी कार्य करना और इन प्रेरक कहानियों को अगली पीढ़ी को बताना होगा। विशेष रूप से माताओं के लिए आयोजित इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में विभिन्न गतिविधियां, आर्ट ऑफ लिविंग सत्र, साउंड हीलिंग, ऑयल वर्कशॉप और मम मैराथन का संयोजन किया था। इस तरह की गतिविधियां, कार्यशालाएं दुनिया भर के विभिन्न शहरों में आयोजित की जा रही हैं.” इसका उल्लेख शिखा खन्ना ने किया।

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