जलजीवन’, ‘अमृत’ की पूर्णता के लिए सभी का सहयोग जरूरी
जिला परिषद सीईओ आयुष प्रसाद की राय; इंडियन वाटर वर्क्स एसोसिएशन के 55वें अधिवेशन का समापन
पुणे : “ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन शुरू किया है और इस योजना को 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है. अमृत अभियान के माध्यम से शहरी क्षेत्रों के नागरिकों को पानी उपलब्ध कराने के साथ उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। इन दोनों अभियानों को पूरा करने के लिए अधिकारियों और इंजीनियरों सहित स्थानीय निकायों की भागीदारी आवश्यक है,” ऐसी राय पुणे जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आयुष प्रसाद ने व्यक्त की।
इंडियन वाटर वर्क्स एसोसिएशन (आईवा) का तीन दिवसीय 55 वां अखिल भारतीय वार्षिक सम्मेलन का समापन आयुष प्रसाद की उपस्थिति में हुआ। हडपसर के मेस ग्लोबल सेंटर (लक्ष्मी लॉन) में आयोजित समापन समारोह में महाराष्ट्र कृष्णा खोरे विकास महामंडल के कार्यकारी निदेशक अतुल कपोले, ‘आईवा’ के अध्यक्ष इंजी. सुभाष भुजबल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एम. मथियालगन, राष्ट्रीय सचिव इंजी. दयानंद पानसे, समन्वय समिति के सचिव एवं अधीक्षण अभियंता इंजी. वैशाली आवटे, आईवा पुणे के सचिव के. एन. पाटे, डॉ. पराग सदगीर आदि मौजूद थे।
आयुष प्रसाद ने कहा, “केंद्र और राज्य द्वारा लाई गई योजनाओं को लागू करते समय इंजीनियरों को नवाचार के लिए प्रयास करना चाहिए। जल संसाधनों के संरक्षण और वृद्धि के प्रयास किए जाने चाहिए। महाराष्ट्र जिवन प्राधिकरण ने ‘एआईसीटीई’ के सहयोग से जल प्रबंधन में काम करने वालों के लिए डिग्री और पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रम शुरू करना चाहिए। जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत अभियान ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों के लिए वरदान साबित होगा। इसलिए योजना की सफलता के लिए सभी को योगदान देना चाहिए।”
अतुल कपोले ने कहा, “जलापूर्ति में समानता और शाश्वतता के बारे में सोचना अच्छी बात है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में योजना बनाते समय कारकों पर विचार किया जाना चाहिए। सभी कारकों पर विचार करने पर योजना सफल होगी। जलापूर्ति योजनाओं के साथ-साथ सीवेज और अपशिष्ट जल की योजना बनाई जानी चाहिए। नदियों का प्रबंधन करना जरूरी है। योजनाओं की सफलता के लिए जन भागीदारी महत्वपूर्ण है।”
सुभाष भुजबल ने कहा, “इस तीन दिवसीय सम्मेलन में जल आपूर्ति, स्वच्छता, जल जीवन मिशन, अमृत अभियान जैसे सभी विषयों पर चर्चा की गई है। सम्मेलन में प्राप्त सुझाव भविष्य में इस क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाओं के लिए मार्गदर्शक होंगे। अधिवेशन के सफल आयोजन में महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण, आईवा और विभिन्न कॉलेजों के सभी प्रतिनिधियों ने कड़ी मेहनत की।”गणेश चंदनशिवे द्वारा ‘महाराष्ट्रची लोकधारा’ एवं मेलेडी मेकर्स यह दो सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। देश भर के प्रतिनिधियों को महाराष्ट्र की सांस्कृतिक कला दिखाने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
अनिल कुलकर्णी, माधवी गरुड़, राजेंद्र आंतद, अनंत नामपुरकर, कीर्तिकुमार गुरव, प्रिया माळी, राजेश कुलकर्णी, पराग कश्यप, एन. एन. भोई, धनंजय जगदाने, प्रशांत बनसोडे, गणेश चंदनशिवे, दीपक म्हस्के आदि सदस्यों ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत की।
के. एन. पाटे ने स्वागत किया. डॉ. दयानंद पानसे ने परिचय दिया. संचालन गायत्री राव ने किया। वैशाली आवटे ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर उत्कृष्ट रिसर्च पेपर, पोस्टर प्रस्तुतकर्ता एवं उत्कृष्ट स्टॉल धारकों को सम्मानित किया गया। साथ ही अगले वर्ष का अधिवेशन कोयम्बटूर में आयोजित किया जाएगा इसकी घोषणा कि गई।