उत्पादन निगम के प्रयास को मिली सफलता
बी०सी०सी०एल० की जगह एन०सी०एल०से मिलेगा कोयला
उत्पादन लागत में लगभग 400 रूपये करोड़ की आयेगी कमी
अब पारीक्षा तापीय परियोजना के लिये सस्ता कोयला मिलेगा
लखनऊ: उ०प्र० राज्य विद्युत उत्पादन निगम द्वारा लम्बे समय से प्रदेश की विद्युत इकाइयों को सस्ता कोयला उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार के कोयला एवं विद्युत मंत्रालय से प्रयास किया जा रहा था। जिसपर सफलता मिल गयी है अब पारीक्षा तापीय परियोजना के लिये सस्ता कोयला मिलेगा। सस्ते कोयले के कारण पारीक्षा से उत्पादित विद्युत की उत्पादन लागत कम होगी। जिससे 920 (250×2ए, 210×2)मेगावाट की पारीक्षा ईकाई से उत्पादित विद्युत की लागत में लगभग 400 करोड़ रूपये की प्रतिवर्ष कमी आयेगी।
यह जानकारी देते हुये उ0प्र0 पावर कारपोरेशन एवं उत्पादन निगम के अध्यक्ष एम0 देवराज ने बताया कि मा0 मुख्य मंत्री एवं मा0 ऊर्जा मंत्री की मंशा के अनुरूप निगम विद्युत उत्पादन लागत को कम करने के लिये लगातार प्रयासरत है।
उन्होंने बताया कि पारीक्षा तापीय परियोजना उत्पादन निगम की बुन्देलखण्ड में स्थापित परियोजना है। इसके कोयले का अधिकांश लिंकेज भारत कोकिंग कोल लि० (बी०सी०सी०एल०) से है। बी०सी०सी०एल० का कोयला अन्य कोल कम्पनियों के सापेक्ष मंहगा पड़ रहा था, जिसके कारण पारीक्षा परियोजना की उत्पादित बिजली मंहगी पड़ रही थी।
ऊर्जा मंत्री के कुशल मार्गदर्शन में निगम प्रबन्ध द्वारा लम्बे समय से लगातार केन्द्र सरकार के कोयला एवं विद्युत मंत्रालय से किये गये अनुरोध के परिणाम स्वरूप बी०सी०सी०एल० से प्राप्त होने वाला कोयला अब नार्दन कोल फील्ड लि० (एन०सी०एल०) को स्थानान्तरित कर दिया गया है। पारीक्षा को लगभग 23.31 लाख टन कोयला बी०सी०सी०एल० से प्राप्त हो रहा है।
अध्यक्ष ने कहा कि इस स्थानान्तरण के अनुसार कोयला आपूर्ति होने से निगम को लगभग 400 करोड़ रूपया प्रतिवर्ष उत्पादन लागत के व्यय में कमी आयेगी, जिससे प्रदेश को सस्ती बिजली प्राप्त हो सकेगी।