आइए एक बार ग्राम पंचायत उमरिया व्यौहरियान के युवा समाजसेवी ब्यंकटेश कुमार तिवारी द्वारा उठाए गए मुद्दों पर नजर डालते हैं:-
रीवा एमपी:
■ ग्राम पंचायत में समग्र आईडी में नाम जुड़वाने व हटाने और राशन पोर्टल में नाम जुड़वाने के लिए जनता को महीनों रोजगार सहायक सचिव के घर चक्कर लगाना पड़ता है और चढ़ोत्री भी देनी पड़ती है|
■ रोजगार सहायक सचिव के घर में मजदूरी करने वाले मजदूर के नाम से ग्राम पंचायत में मस्टर चलाकर पंचायत की राशि को उसके खाते ट्रांसफर किया जाता है,जबकि वह पंचायत के किसी भी कार्य में मजदूरी नहीं करता|
■ आखिर शासन के नियमों का उल्लंघन करते हुए ग्राम पंचायत उमरिया व्यौहरियान सचिव द्वारा एक ही व्यक्ति की दो-दो समग्र आईडी बनाई गई है क्यों?
■ आखिर एक रोजगार सहायक सचिव,शिक्षक और समिति प्रबन्धक एक ही आईडी से राशन का लाभ ले रहे हैं,आखिर इसकी जांच कब होगी?
■ क्या जो सवाल केवल सरपंच/सचिव से सम्बन्धित हो और यदि सरपंच/सचिव से पूछा जाए तो ग्राम रोजगार सहायक सचिव का अभद्रतापूर्वक बोलना कहां तक तर्कसंगत है?
■ आखिर क्या ग्राम पंचायत उमरिया व्यौहरियान की जनता अपने सरपंच/सचिव/सहायक सचिव की शिकायत कहीं नहीं कर सकती?
■ आखिर एक चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी द्वारा ग्राम पंचायत के नागरिक के साथ गाली-गलौज और मारने-पीटने की धमकी देने का अधिकार कहां से मिला?
■ आखिर ग्राम पंचायत उमरिया व्यौहरियान के रोजगार सहायक सचिव को किस सफेदपोश नेता का संरक्षण प्राप्त है,जो किसी का मर्डर करने की खुलेआम धमकी देता है|
*सबसे बड़ा सवाल*
आखिर रोजगार सहायक सचिव को यह सब करने की शक्ति और प्रेरणा कहां से मिल रही है और कौन है ऐसे कर्मचारियों का संरक्षणकर्ता|
इनका कहना है,
मैने जीआरएस बृजेश तिवारी के द्वारा पंचायत में किए गए भ्रष्टाचार और घूसखोरी की शिकायत की तब उनके द्वारा मेरे साथ गाली-गलौज की और मारने की धमकी दी,इसके पहले भी जुलाई में भी RTI लगाने पर भी इनके द्वारा मेरे साथ गाली-गलौज की गई थी|
~ब्यंकटेश कुमार तिवारी,युवा समाजसेवी