धरवार में मां बेला भवानी का भारी मेरे का आयोजन
इटावा से शिवराज सिंह राजपूत की रिपोर्ट
इटावा यूपी: धरवार गांव क्षेत्र के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग आगरा रोड पर जमुना बाग से पश्चिम की दिशा में 2 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम धरबार में श्री शक्ति पीठ मां बेला भवानी मंदिर में मां बेला भवानी विराजमान हैं। जहां पर प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी एक मेरे का आयोजन किया गया है।मां शेरा भवानी को जिन्हें मां सर्वमंगला देवी के रूप में भी जाना जाता है जो सुख की देवी के रूप में पूजी जाती हैं। मान्यता ऐसी है कि मां बेला भवानी के दर्शन मात्र से ही जीवन सुखमय हो जाता है। चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के दौरान स्थानीय भक्तों के अलावा दूरदराज के क्षेत्रों से बहुतायत संख्या में भक्त मां बेला भवानी के दर्शन कर अपने सुखमय जीवन की कामना करते हैं। आस्था ऐसी कि सप्तमी अष्टमी नवमी के दिन मेले के रूप में अपार श्रद्धालुओं की भीड़ होती है उस दिन मंदिर कमेटी के साथ सहयोगी के रुप में प्रशासन और पुलिस को व्यवस्थाएं संभालनी पड़ती हैं। मंदिर के अस्तित्व के बारे पुजारी संतोष कुमार ने बताया कि श्री शक्तिपीठ मां बेला भवानी मंदिर में विराजमान मां बेला भवानी का संबंध बेलन मंदिर जो कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के नरोरा शहर के पास बेलोन गांव में स्थित एक प्राचीन हिंदू शक्ति मंदिर से है। बेलोन की देवी जमीन से प्रकट हुई थीं। वह प्राचीन काल में देवी सती के शरीर से उत्पन्न हुई थीं। 400 वर्ष पूर्व की बात रही होगी जब बेलोन गांव स्थित बेलन मंदिर के पंडा लोग मां बेला भवानी की डोली बेलोन गांव से कोलकाता ले जा रहे थे। धरवार गांव से गुजरने पर थकान के कारण उन्होंने यहां पड़ाव डाला। सुबह जब मां बेलन देवी का डोला उठाया तो हर जोर आजमाइश हर तरीका अपनाने पर भी डोला नहीं उठा अंततः पंडा लोगों के मुखिया को बेलन भवानी मां ने स्वप्न देकर उसी जगह मूर्ति स्थापना के लिए आदेशित किया। उसी दिन से बेलन भवानी मां शक्तिपीठ मां बेला भवानी के रूप में विराजमान हुईं। तब से क्षेत्रीय लोग आराध्य देवी के रूप में पूजने लगे और मां बेला भवानी देवी नित नए चमत्कार दिखाने लगीं।