रीवा

मऊगंज जिला: भ्रस्ट एवं बदहाल व्यवस्था से जूझते मऊगंज वासी

मऊगंज जिला: भ्रस्ट एवं बदहाल व्यवस्था से जूझते मऊगंज वासी

 

धर्मेन्द्र गुप्ता प्रतिनिधि मऊगंज रीवा की रिपोर्ट

मऊगंज – जनता समझ नही पा रही क्या इसी तरह से विकसित और व्यवस्थित होगा मुख्यमंत्री द्वारा घोषित मऊगंज जिला जो कि यहां के लिए मजाक साबित हो रहा है। जहां पर बिजली सुबह से गोल होने के बाद दोपहर को दर्शन दे रही तो वहीं इसके बाद आंख मिचौली का दौर जारी रहता है। वही दूसरी ओर कहर ढा रही बिजली कम्पनियां जिनसे अधिकारी सांठगांठ कर उपभोक्ताओं को खपत से कई गुना मनमानी बिल थमाकर उन्हें लूटते हुए खुद की तिजोरी भर रहे हैं । इन हालातो से बेखबर भाजपा के जनप्रतिनिधि भी अपनी मौन स्वीकृति को दर्शा रहे है।

वैसे भी सुखेन्द्र सिंह बन्ना को छोड़ दे तो मऊगंज पर राज करने बाले जनप्रतिनिधियों ने भ्र्स्ट अधिकारियों के साथ मिलकर शोषण किया और जनता को लाचार व वेवशी में धकेलने का कार्य किया है। जो कि आज भी चल रहा है। जनता आज भी बिजली पानी सड़क स्वास्थ्य जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की बड़ी कीमत चुका रही है।
सिविल अस्पताल का निर्माण भी कछुआ चाल और भ्रष्टाचार का शिकार हैं जिंसकी छत अभी से टपक रही हैं। तो वहीं ठेकेदार की मनमानी से कई डॉक्टरो को आवास नसीब नहीं हो रहा है।
मऊगंज नगर की बात करें तो कहने को कांग्रेस समर्थित अध्यक्ष है लेकिन वह भी भाजपा के चुंगल में पूरी तरह से आकर नगर को नरक बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।जहाँ पर उनके करीबी खरीद फरोख्त मिट्टी मोरम के रूप में जनता के विकास के लिए मिली राशि को डकार रहे हैं।
अध्यक्ष को जीत दिलाने बाले कांग्रेस की वेवशी तो वहीं इस भ्रस्ट व्यवस्था में भाजपाई मस्त दिख रहे हैं। बड़े विकास की बात की जाय तो नगर में संचालित नलजल योजना बेलगाम के एन के कम्पनी की मनमानी का शिकार है जहां आज भी सही ढंग से लोगो के नल से पानी नहीं निकल रहा गल्ला मंडी और कुण्दनपुरवा में बून्द बून्द पानी पहुंच रहा है । जिसमे आज तक सुधार सम्भव नही हुआ। जनता को बड़े विकास का सपना दिखा कर डिवाइडर निर्माण का कार्य शुरू किया जो कि पूरी तरह से भ्रष्टाचार का शिकार है। नगर में दुकानों को गिराकर तबाही मचाकर लोगो का रोजगार छीन लिया गया न सड़क पर कार्य शुरू हुआ न दुकानों का निर्माण कार्य हो रहे।
नगर में सड़क सकरी होने से सड़क पर जाम और लोग डिवाइडर से टकराकर दुर्घटना का शिकार हो रहे है।
*नगर परिषद की अराजक व्यवस्था से नगर बेहाल*
स्वच्छता अभियान में हर महीने लाखों खर्च गन्दगी से नगर सना हुआ तो टूटी फूटी पाइप लाइनों से पेयजल आपूर्ति व्यवस्था के बीच कुछ चुनिंदा पार्षदों और बड़े अधिकारियों की चौखट तक साफ सफाई सीमित सीधे कहा जाय तो जनता के हितार्थ खर्च होने बाली राशि को डकारने का कार्य चल रहा तो वही योजनाओं में फर्जीवाड़ा व बड़े विकास के नाम पर भ्रष्टाचार के बीच सरपट दौड़ती कांग्रेस समर्थित नगर सरकार आश्चर्यजनक तरीके से सत्ता पक्ष ने दे रखा है अभयदान तो वहीं सत्तापक्ष व विपक्ष दोनो भ्र्स्ट बदहाल व्यवस्था का खुला समर्थन जहां भाजपा व कांग्रेस दल के पार्षदो का भ्रस्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ हिस्सेदारी में मस्त तो जनता त्रस्त है। ऐसे में पूर्व विधायक सुखेन्द्र सिंह बन्ना व कांग्रेस पार्टी से सर्वाधिक अनुभवी पार्षद विश्वनाथ मिश्रा भी नगर परिषद की भ्रस्ट और अराजक व्यवस्था के समक्ष दिख रही वेवशी नगर के लोगो के लिए बेहद चिंताजनक है ।

 

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