मुख्यमंत्री की दलीलें झूठी व फर्जी साबित हो रही इटावा में
सीडीओ इटावा जैसे नकारा अधिकारियों को तत्काल हटाया जाए
शिवराज सिंह राजपूत प्रतिनिधि इटावा
लखनऊ /इटावा :बेशक उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और केन्द्र की मोदी सरकार जनकल्याण के हितार्थ एवं राष्ट्र के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं और प्रशासनिक जटिलता को संपूर्ण तरह समाप्त करने की कसमें खाते हैं परंतु सच्चाई यह है कि कुछ अधिकारियों के नकारे पन का दंश जनता को आज भी झेलना पड़ रहा है उदाहरणार्थ इटावा के मुख्य विकास अधिकारी की कुर्सी पर सुशोभित व विराजमान प्रणता ऐश्वर्या जैसे सीडीओ को कानों से सुनाई नहीं देता है आम जनता की क्या बात करें उनकी कार्यशैली की इतनी दयनीय स्थिति है की जनता की आवाज सुन पाने की क्षमता शून्य है जिसके चलते क्षेत्र का विकास पूर्णता अवरुद्ध है परंतु अधिकारियों को देश के विकास से शायद कोई लेना-देना ना हो ऐसी परिस्थितियां उभर कर सामने आ रही हैं जिससे उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के विकास को लेकर दी गई सभी दलीलें फर्जी और झूठी साबित होती प्रतीत हो रही हैं जिसका मुख्यमंत्री महोदय को तत्काल गंभीरता से संज्ञान लेना चाहिए ऐसे नकारा अधिकारियों को तत्काल पद से हटाना चाहिए
गौरतलब है कि विशाल समाचार के वरिष्ठ व विशेष संवाददाता देवेन्द्र सिंह तोमर द्वारा जब इटावा सीडीओ प्रणता ऐश्वर्या महोदया से मुलाकात कर विकास के कुछ ऐसे मुद्दों पर चर्चा करनी चाही तो उन्हें पता चला कि डंके की चोट पर भी सीडीओ महोदया को कुछ सुनाई नहीं पड़ता है और संवाददाता देवेन्द्र सिंह तोमर लगभग आधे घंटे की जद्दोजहद के बाद खाली हाथ लौट कर वापस चले गए जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस तरह के समस्या ग्रस्त अधिकारियों को मुख्य विकास अधिकारी की कुर्सी पर रखना राज्य सरकार हेतु बेईमानी का सबक नहीं तो और क्या है अतः इस तरह के नकारा अधिकारियों को तत्काल कुर्सी से हटाया जाना एकमात्र रास्ता है यदि राज्य सरकार ईमानदारी से कार्य करती है तो और मुख्यमंत्री अपनी दलीलों को झूठा नहीं साबित करना चाहते हैं वरना राज्य के विकास पर लगे ग्रहण से निजात पाना आसान नहीं है जब एक संवाददाता की मुख्य विकास अधिकारी महोदय को नहीं सुनाई पड़ती है तो आम जनता की क्या बात की जाए अरे से क्या आम जनता को ठगा नहीं जा रहा है राज्य सरकार द्वारा अथवा ऐसे नकारा अधिकारियों द्वारा विकास के नाम पर छलावा नहीं किया जा रहा है तो क्या इसका जवाब मुख्यमंत्री को तत्काल देना चाहिए प्रदेश की जनता को इस तरह के अधिकारियों को उसकी कुर्सी से धक्के मारकर हटाना चाहिए और यही न्याय संगत होगा मुख्यमंत्री की दलीलों को झूठा न साबित होने देने के लिए फर्जी न साबित होने देने के लिए जनता से छलावा न करने के हेतु ऐसे नकारा अधिकारियों को धक्के मारकर हटा देना चाहिए।