भ्रष्टाचार का अखाड़ा बना मनगवां नगर परिषद..!
20 लाख से अधिक का मटेरियल गायब? नाकेदार से स्टोर प्रभारी की भूमिका महत्वपूर्ण
धर्मेन्द्र गुप्ता प्रतिनिधि मऊगंज
रीवा जिले से मनगवां नगर परिषद इन दिनों भ्रष्टाचार का अखाड़ा बनकर सामने आया है यहां पर सभी नियमों को ताक कर रखते हुए काम किया जा रहा है और भ्रष्टाचार के लिए इस अघोषित तौर पर नगर परिषद में कमेटी बनी हुई है इस अघोषित कमेटी का मुखिया नाकेदार उमेश सिंह को बनाया गया है? जिसके मनमानी तौर पर घोटालों की फाइल तैयार की जाती है आखिरकार नाकेदार को स्टोर का प्रभारी एवं राजस्व विभाग का प्रमुख कैसे बना कर रखा गया जिसके द्वारा खरीद-फरोख्त के मामले में फाइल तैयार करके लगातार भ्रष्टाचार किया जा रहा है नगर परिषद के सूत्र ही बताते हैं कि यहां पर भ्रष्टाचार का बड़ा घोटाला है इस नगर परिषद में खरीदे गए अधिकार सामान गायब है यहां तक की बिल पास हो जा रहे हैं लेकिन नगर परिषद में मटेरियल नहीं पहुंच रहा है ऐसे भी आरोप सामने आए हैं और इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों को भेजे जाने की तैयारी कर ली गई है इस नगर परिषद में एयर कंडीशन एसी से लेकर एलईडी टीवी कंप्यूटर प्रिंटर समर्सिबल मोटर फर्नीचर स्टेशनरी सहित बिल्डिंग भवन रिपेयरिंग मेंटेनेंस डस्ट मुर्मीकरण के नाम पर बड़ा घोटाला है और अधिकांश फाइलें नाकेदार से राजस्व विभाग एवं स्टोर का बनाए गए सर्वे सर्वा उमेश सिंह के द्वारा ही निपटाया जा रहा है जानकारों की माने तो यदि इस निकाय में जांच होगी तो बड़े घोटाले सामने आएंगे शायद ही मध्य प्रदेश के अंदर कोई ऐसा स्थानी निकाय होगा जहां पर इस तरह के भ्रष्टाचार का सामना कर पाएगा
एसी एलईडी कंप्यूटर राउंडिंग चेयर गायब होने की खबर
नगर परिषद कार्यालय में हाल ही में लगभग 10 एसी खरीदी गई उनमें से केवल 06 संख्या में एसी कार्यालय में लगे हुए हैं बाकी गायब है इसी प्रकार सीएमओ कक्ष में लगे एलईडी टीवी भी नहीं है साथ ही कई कंप्यूटर और प्रिंटर भी नगर परिषद कार्यालय से गायब है राउंडिंग चेयर व अन्य चेयर फर्नीचर भी गायब है और इन सभी चीजें स्टोर संबंधित आती है और स्टोर का इंचार्ज चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नाकेदार उमेश सिंह है आखिरकार इतने बड़े तादाद में लगभग 20 लाख रू से अधिक के सामान कहां गायब हो गए यह अपने आप में बड़ा सवाल है और संबंधित अधिकारियों के लिए जांच का विषय है
1 साल के अंदर आधे सैकड़ा से अधिक हुए हैंडपंप लेकिन संख्या काफी कम
बताया जाता है कि परिषद कार्यालय क्षेत्र के कुल 15 वार्डों में 1 साल के अंदर लगभग आधा सैकड़ा से अधिक हैंडपंप खनन कार्य कराए गए हैं इनमें से कई हैंडपंप खनन जनप्रतिनिधियो व प्रभावशाली व्यक्तियों के घर के अंदर एवं बाल बाउंड्री में कराए गए हैं इतना ही नहीं कई हैंडपंप तो खनन हीं नहीं कराए गए हैं इन सभी हैंडपंपों का भौतिक सत्यापन होना जरूरी है यदि हैंडपंप खनन संख्या की भौतिक सत्यापन होता है तो एक बड़ा घोटाला उजागर होने से दूर नहीं है वहीं इसी प्रकार राइजर पाइपों एवं हैंडपंप मरम्मत में भी भारी घोटाला है यह भी जांच के बिंदु में शामिल होना आवश्यक है।