मध्य प्रदेश

कांवड़ यात्रा हामरे क्षेत्र में कांवर कांमर भरने या चढ़ाना भी कहते हैं….

कांवड़ यात्रा हामरे क्षेत्र में कांवर कांमर भरने या चढ़ाना भी कहते हैं….!

विशाल समाचार टीम एमपी

ग्वालियर एमपी:  हम वर्ष की भांति इस वर्ष भी कांवर भरने,चढ़ाने का हमारे यहाँ बड़ा ही महत्व है। हर सफल व्यक्ति, बड़ा अधिकारी बनने या सरकारी नौकरी मिलने पर या आर्मी , बीएसएफ , सीआरपीएफ पुलिस इत्यादि में नौकरी लगने के बाद अक्सर वह व्यक्ति कांवर भरने जाते हैं। मार्च के महीने में शिवरात्रि पर काँवर चढ़ाई जाती हैं। यह मैसेज शोसल मिडिया पर तेजी से वायरल हो रहा और सूत्रों के‌ हवाले से खबर आ रही है।

 

हमने कभी ऐसा महसूस नहीं किया कि जो पढ़ा लिखा होता है या जिसने बचपन में स्कूल का बैग उठाया होता है वह कांवड़ नहीं उठाएगा। वल्कि जो ज्यादा पढ़ा लिखा सफल होता है वह ज्यादा दिलचस्पी या श्रद्धा से कावड़ लेने जाता है। और जाने में असमर्थ होते हैं वह आधे रास्ते में कावड़ियों के साथ साथ चलकर अपनी श्रद्धा पूरी करने की फीलिंग लेते हैं।

कांवड़ यात्रा एक पवित्र यात्रा है। हिन्दू धर्म में इसका एक उच्च स्थान है। लेकिन कुछ लोगो को कांवड़ यात्रा से समस्या हो रही है कांवड़ यात्रा को स्कूल से जोड़ रहे हैं। इसका मुख्य कारण है कि करोड़ लोग कांवड़ यात्रा में शामिल हो चुके हैं और कहीँ भी कोई पत्थरबाजी, टकराव, लड़ाई झगड़ा, सड़क रोकने जैसी घटनाएं नहीं हुई है। बस यही पीड़ा धर्म विरोधियों वामी कामियों को खाए जा रही है। इसलिए कांवड़ को स्कूल के बैग से जोड़ कर बदनाम करने का एक नया तरीका अपनाया है।

बामियो कामियों सुनो, अब हम सहन करने वाले पुराने जमाने के हिन्दू नहीं है। जो धर्म के खिलाप सुनते रहें। जो हमारे धर्म के खिलाफ अगुंली उठाएगा तो उसका उसे खामियाजा भुगतना पड़ेगा। यह सूत्रों के हवाले से खबर आई है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button