अफसरों की फर्जी साइन कर निकाले डेढ़ करोड़:खुद के खाते में डालकर ट्रेडिंग में उड़ाए, मछली पालन विभाग में अकाउंटेंट है आरोपी
छत्तीसगढ़ के बस्तर में मछली पालन विभाग के एक अकाउंटेंट ने करीब 1 करोड़ 25 लाख 58 हजार 994 रुपए का गबन कर लिया है। नारायणपुर और कोंडागांव जिले के मछली पालन विभाग के अफसरों का फर्जी दस्तखत कर इसने सारे पैसे अपने खाते में डाल लिए। जिसके बाद इन पैसों को उसने ऑनलाइन ट्रेडिंग में लगाकर गंवा भी दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जिसके पास से करीब 1 लाख रुपए कैश बरामद किया गया है।
जानकारी के मुताबिक आरोपी का नाम संजय गढ़पाले है। जो कोंडागांव में सहायक ग्रेड-2 के पद पर पदस्थ था। कोंडागांव और नारायणपुर इन दोनों जिलों के मछली पालन विभाग में अकाउंटेंट का कार्यभार संभाल रहा था। साल 2022 से 2023 तक इन दोनों जिले के विभागीय खाते से अफसरों के फर्जी दस्तखत कर बैंक में चेक लगाता रहा। किस्तों में करीब 1 करोड़ 25 लाख 58 हजार 994 रुपए निकाल कर अपने खाते में डाल लिए। जिसमें कोंडागांव जिले के 43 लाख 74 हजार 794 रुपए और नारायणपुर जिले के 81 लाख 84 हजार 200 रुपए थे।
जानकारी के मुताबिक आरोपी का नाम संजय गढ़पाले है। जो कोंडागांव में सहायक ग्रेड-2 के पद पर पदस्थ था। कोंडागांव और नारायणपुर इन दोनों जिलों के मछली पालन विभाग में अकाउंटेंट का कार्यभार संभाल रहा था। साल 2022 से 2023 तक इन दोनों जिले के विभागीय खाते से अफसरों के फर्जी दस्तखत कर बैंक में चेक लगाता रहा। किस्तों में करीब 1 करोड़ 25 लाख 58 हजार 994 रुपए निकाल कर अपने खाते में डाल लिए। जिसमें कोंडागांव जिले के 43 लाख 74 हजार 794 रुपए और नारायणपुर जिले के 81 लाख 84 हजार 200 रुपए थे।
इसने सालभर किसी को भनक तक लगने नहीं दी। हालांकि, जब अफसरों ने विभागीय खाते खंगाले तो उसमें बैलेंस कम दिखा। फिर बैंक डिटेल निकाली गई। जिसमें चेक के माध्यम से पैसे निकलना पाया गया। फिर अफसरों ने इस मामले की विभागीय जांच भी की। जांच में पैसे संजय गढ़पाले के खाते में डलने की बात सामने आई। जिसके बाद कोंडागांव सिटी कोतवाली में FIR दर्ज करवाई गई।
केस दर्ज कर पुलिस ने आरोपी को इसके घर जाकर गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया है। जिसका खुलासा शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किया गया।
ऑनलाइन ट्रेडिंग का था शौकीन, इसी में उड़ाए पैसे
संजय गढ़पाले ऑनलाइन ट्रेडिंग का शौकीन था। अलग-अलग बैंक में अपने खाते खुलवाए। शुरुआत में जब इसने विभागीय पैसों को अपने खाते लिया तो उसके बाद उन पैसों से एक कंप्यूटर, मोबाइल फोन समेत कुछ सामान लिया। किस्तों में निकाले गए पैसों से वह ट्रेडिंग करता था।