प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत विश्व गुरु की ओर बढ़ रहा है सुभाष देसाई के विचार: एमआईटी डब्ल्यूपीयू में सामुदायिक नेतृत्व विकास कार्यक्रम का उद्घाटन
पुणे: “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व से भारत विश्व गुरु की ओर बढ़ रहा है. शिक्षित युवाओं को राजनेताओं पर टिप्पणी करने के बजाय इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में भाग लेना चाहिए और देश में सुधार की प्रक्रिया में अपनी भागीदारी बढ़ानी चाहिए.”
यह राय गोवा के समाज कल्याण मंत्री सुभाष उत्तम फाल देसाई ने व्यक्त की.
वह एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित सामाजिक नेतृत्व विकास कार्यक्रम के उद्घाटन पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. इस कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी के 5000 से ज्यादा छात्र मौजूद थे.
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के वरिष्ठ सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी, पद्मश्री राज्यसभा सदस्य बाबा बलवीर सिंह सिचवाल एवं पद्मश्री पोपटराव पवार उपस्थित थे.
साथ ही एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. आर. एम. चिटनिस, प्र कुलपति डाॅ. मिलिंद पांडे, सीएओ डॉ. संजय कामतेकर, रजिस्ट्रार गणेश पोकले, प्राचार्य डॉ. गणेश काकंदीकर और मीटसॉग के निदेशक डॉ. के.गिरिसन उपस्थित थे.
एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. विश्वनाथ दा. कराड के मार्गदर्शन और कार्यकारी अध्यक्ष राहुल कराड के नेतृत्व में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है.
सुभाष देसाई ने कहा, “युवाओं को यह ध्यान में रखकर संघर्ष करना चाहिए कि इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है. सभी को समाज सेवा का व्रत लेकर अर्थशास्त्र और राजनीति जैसे क्षेत्रों में चमकना चाहिए. लोकतांत्रिक देश में अनुसंधान, नवाचार और विकास को बढ़ावा देना चाहिए.” युवाओं में ऊर्जा लाने के लिए सामुदायिक सेवा की जानी चाहिए.”
पोपटराव पवार ने कहा, “मिट्टी की बनावट दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है. इसी तरह भूजल स्तर भी कम हो गया है. इससे देश का भविष्य खतरे में है, युवाओं को गांव के सामाजिक परिवर्तन में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए. साथ ही सकारात्मक नेतृत्व से प्रगति तेजी से बढ़ती है.”
अवनीश कुमार ने कहा, “यदि कड़ी मेहनत, बुद्धिमत्ता और ईमानदारी को अपनाया जाए तो प्रगति को कोई नहीं रोक सकता. युवाओं को अनुसंधान के साथ-साथ स्टार्ट-अप के माध्यम से रोजगार पैदा करना चाहिए. साथ ही, विकास की गंगा को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना चाहिए.” समय महिलाओं का है और इस देश को विश्व गुरु बनाने में उनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी.”
पद्मश्री बाबा बलवीर सिंह सीचेवाल ने कहा, “सेवा ही सर्वोच्च धर्म है. इस सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए छात्रों को देश, समाज सेवा, पर्यावरण और परोपकार जैसे विषयों को आत्मसात करना चाहिए. समाज को सही दिशा देने के लिए अच्छे नेतृत्व की आवश्यकता होती है. जब परोपकार को स्वीकार किया जाता है।” शिक्षा के क्षेत्र में, देश को बदलने में समय नहीं लगेगा.”
डॉ.आर. एम. चिटनिस ने कहा, “जो समाज सेवा के लिए काम करता है वह वास्तव में भगवान को प्रसन्न करता है. एमआईटी डब्ल्यूपीयू के माध्यम से शुरू किए गए इस कार्यक्रम का मार्गदर्शन 65 से अधिक विशेषज्ञ करेंगे. युवाओं को शिक्षा के साथ-साथ समाज सेवा को भी अपनाना चाहिए.”
प्रो. डॉ. गणेश काकंडीकर ने परिचय दिया. प्रो. डॉ. गौतम बापट ने संचालन किया.