सीतामढ़ी

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आज विमर्श कक्ष में *फसल अवशेष प्रबंधन* हेतु जिला स्तर पर अंतर्विभागीय कार्य समूह, की बैठक आहूत की गई।

 

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आज विमर्श कक्ष में फसल अवशेष प्रबंधन  हेतु जिला स्तर पर अंतर्विभागीय कार्य समूह की बैठक आहूत की गई।

रिपोर्ट विकेश कुमार पुर्वे सीतामढ़ी

किसानों द्वारा मजदूरों के अभाव में विभिन्न फसलों विशेषकर धान/गेहूं कटनी के उपरांत फसल अवशेष को जला दिया जाता है जिससे मिट्टी, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। फसल अवशेष को न जलाया जाए इस हेतु विभिन्न विभागों के द्वारा जागरूकता अभियान चलाने के मद्देनजर जिलाधिकारी द्वारा विभिन्न विभागों के दायित्व निर्धारित किए गए।

कृषि विभाग को निर्देशित किया गया कि आत्मा एवं कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा आयोजित होने वाले रबी कर्मशाला एवं किसान चौपाल में इस संबंध में व्यापक जागरूकता अभियान चलाएं।

फसल अवशेष को जलाने के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। विशेष कर कर उन्हें सांस लेने में कठिनाई के साथ आंख, नाक और गले में जलन के साथ अन्य बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।इस संबंध में सिविल सर्जन  को निर्देशित किया गया कि आशा एवं एएनएम कार्यकर्ताओं के द्वारा व्यापक प्रचार कराया जाए और लोगों को जागरूक किया जाए।

वहीं जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि स्कूलों में फसल अवशेष न जलाने के विषय पर,वाद विवाद एवं पेंटिंग प्रतियोगिताओं के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।

जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि जीविका दीदियों तथा मनरेगा कर्मियों के माध्यम से फसल अवशेष ना जलाने के प्रति लोगों को जागरूक किया जाए।

वही पशुपालकों को फसल कटनी के उपरांत खेतों में अवशेषों तथा खर–पतवार को भेड़ तथा बकरी को खेतों में चराने के लिए जागरूक करने का निर्देश दिया गया।

पैक्सो तथा प्रखंड सहकारिता अधिकारियों के माध्यम से फसल अवशेष के उपयोग पर किसानों को जागरूक करने का निर्देश जिला सहकारिता अधिकारी को दिया गया।जिला पंचायती राज पदाधिकारी को निर्देशित किया गया कि त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं तथा पंचायत सेवकों के माध्यम से फसल अवशेष के उपयोग पर किसानों को जागरूक किया जाए।
वहीं बैठक में उपस्थित जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि यदि किसानों द्वारा अपने खेतों में फसल अवशेष को जलाया जाता है तो उनके डीबीटी पंजीकरण को स्थगित  कर दिया जाएगा और अगले तीन सालों तक कृषि विभाग की किसी भी योजना का लाभ से उन्हें वंचित होना पड़ेगा*। इस संबंध में प्रखंड कृषि अधिकारियों एवं प्रखंडों एवं पंचायत में कार्यरत कृषि कर्मियों द्वारा सतत निगरानी रखने का निर्देश दिया गया। निर्देशित किया गया कि यदि फसल अवशेष को जलाया जाता है तो इस संबंध में तत्काल अग्रेतर कारवाई हेतु जिला कृषि अधिकारी के संज्ञान में दिया जाएगा। बैठक में अपर समाहर्ता, (प्रभारी आपदा) जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला जन संपर्क अधिकारी ,जिला पंचायती राज पदाधिकारी, सिविल सर्जन,जिला पशुपालन पदाधिकारी इत्यादि उपस्थित थे।

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