पुणे में एसएफए चैम्पियनशिप्स के दूसरे दिन दिखी शानदार प्रतिभा
– दूसरे दिन एथलीट्स ने फुटबॉल, तीरंदाज़ी और स्केटिंग में किया बेहतरीन प्रदर्शन
श्री शिव छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स और शिवाजी नगर एवं गंगा लीजेन्ड्स स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में फुटबॉल के लिए ज़बरदस्त उत्साह दिखाई दिया, टीमों ने अपने पसंदीदा खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया
रिपोर्ट देवेन्द्र सिंह पुणे
पुणे : पुणे में एसएफए चैम्पियनशिप्स के दूसरे संस्करण के दूसरे दिन मैदान में ज़बरदस्त उत्साह देखने को मिला। श्री शिव छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स और शिवाजी नगर एवं गंगा लीजेन्ड्स स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में फुटबॉल फीवर दिखाई दिया, जहां अंडर-14, अंडर-16 और अंडर-18 कैटेगरीज़ में लीग मैचों की शुरूआत हुई। प्रतिभागियों ने गोल्ड जीतने की चाह में अपना सर्वश्रेष्ठ परफोर्मेन्स दिया। 750 से अधिक युवा फुटबॉलर्स ने मैदान पर हर किक के साथ अपने मजबूत इरादे और क्षमता का प्रदर्शन किया।
एसएफए चैम्पियनशिप्स में लोयाला हाई स्कूल, पाशान, पुणे के आयूष चवन ने तीरंदाज़ी में अपनी प्रतिभा दर्शाई। 13 सालों के अनुभव के साथ आयूष, राष्ट्रीय एवं ज़िला स्तर पर खेल चुके हैं और इससे पहले 15 मैडल जीत चुके हैं। इसके अलावा शारन्या सोनावाने ने तीरंदाज़ी में अंडर-14 कैटेगरी (रीकर्व) में मुकाबला करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया। शारन्या एसजीएफआई में 10वां रैंक, सीबीएसई अंडर-14 में 5वां रैंक हासिल कर चुकी हैं और एशिया वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड्स में उन्होंने अपनी पहचान बनाई है। इस अवसर पर शारन्या सोनावाने ने खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा ‘‘मैं रोज़ दो घण्टे प्रेक्टिस करती हूं। मैं तीरंदाज़ी में ओलम्पिक गोल्ड जीतना चाहती हूं और एशियन गेम्स में भी खेलना चाहती हूं। मेरे कोच अभिजीत डालवे और चोई मिसुन मेरे रोल मॉडल्स हैं।
फुटबॉल के मैदान में प्रशंसकों ने अपने पसंदीदा एथलीट्स का उत्साह बढ़ाया, वहीं विमान नगर स्केटिंग रिंग में भी कौशल का अद्भुत प्रदर्शन देखने को मिला। ब्वॉयज़ ने अंडर-5 से अंडर-17 में और गर्ल्स ने अंडर-7 से अंडर-14 कैटेगरी में स्केटिंग में शानदार कौशल का प्रदर्शन किया। खेलों के इस उत्साह भरे माहौल के बीच सिया के माता-पिता ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए स्वास्थ्य एवं फिटनैस के बीच सही तालमेल के महत्व पर ज़ोर दिया। सिया के पिता संग्राम चौगुले ने कहा, ‘‘तीन बार विश्व चैम्पियन होने के नाते मैंने सीखा है कि शरीर को मजबूत बनाए रखने से हमारा दिमाग बेहतर काम करता है। मेरा मानना है कि पढ़ाई और खेल दोनों ही महत्वपूर्ण है। खासतौर पर कोविड के समय जब स्वास्थ्य सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण हो गया था, खेलों ने ही हमारे बच्चों को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हमारी बच्ची पहली बार एसएफए चैम्पियनशिप में खेल रही है। यह देखकर अच्छा लगता है कि एसएफए कम उम्र से ही खेलों में करियर बनाने और खेलों के द्वारा हमारे देश को मजबूत बनाने की प्रेरणा देता है। फिट इंडिया के सदस्य के रूप में, हमने खेल मंत्री के साथ भारत को स्वस्थ बनाने के मिशन की शुरूआत की, हमारा मानना है कि फिटनैस की यात्रा स्कूल से ही शुरू होती है। एसएफए की व्यवस्थित प्रतियोगिता में स्पष्ट कम्युनिकेशन दिखाई दिया, कुल मिलाकर यह बेहतरीन अनुभव है।’’ संग्राम चौगुले 2012 में 85 किलो कैटेगरी में मिस्टर युनिवर्स का खिताब, छह बार मिस्टर इंडिया का खिताब और पांच बार मिस्टर महाराष्ट्र का खिताब जीत चुके हैं।
श्री शिव छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में तीरंदाज़ी की प्रतियोगिता में ज़बरदस्त फोकस और सटीकता देखने को मिली। गर्ल्स और ब्वॉयज़ सहित कुल 150 एथलीट्स ने अंडर-10, अंडर-14 और अंडर-17 कैटेगरी में मुकाबला किया।