लोक अदालत में निस्तारित वादों ने तोड़े अभी तक के सारे रिकॉर्ड, 86727 मामले हुए निस्तारित जो अभी तक इटावा जनपद में लोक अदालत में निस्तारित हुए वादों में सर्वाधिक है।
रिपोर्ट विशाल समाचार नेटवर्क न्यूज
उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के तत्वाधान में माननीय जनपद न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, इटावा श्री चवन प्रकाश की अध्यक्षता एवं दिशा-निर्देशन में अपर जिला जज प्रथम श्री राम चन्द्र यादव व स्पेशल जज (एसटी/एसटी एक्ट) / नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत श्री कुमार प्रशान्त एवं अपर जिला जज / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती श्वेता श्रीवास्तव तथा जनपद के समस्त अधिकारीगण के सतत प्रयास से जनपद न्यायालय, इटावा व समस्त राजस्व न्यायालयों एवं समस्त विभागों में आज दिनांक 09/12/2023 को राष्ट्रीय लोक अदालत का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया था।
इस लोक अदालत में सकल रूप से 86727 वादों का निस्तारण किया गया जिसमें से आर्बिट्रेशन के बादों में माननीय जनपद न्यायाधीश श्री चवन प्रकाश द्वारा 01 श्रीमती पारूल श्रीवास्तव स्पेशल जज डकैती द्वारा 02 व अपर जिला जज सप्तम श्री आलोक श्रीवास्तव द्वारा 01, इस प्रकार कुल 04 वादों का निस्तारण किया गया। फौजदारी के 7331 वादों का निस्तारण करते हुए 1579250/-रू. का अर्थदण्ड वसूल किया गया। प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय श्री आनन्द प्रकाश द्वितीय तथा अतिरिक्त परिवार न्यायाधीश श्री शैलेन्द्र निगम द्वारा संयुक्त रूप से 32 वैवाहिक प्रकरणों का निस्तारण किया गया तथा 18 जोडो की साथ विदाई करायी गयी। प्री-लिटिगेशन स्तर के दाम्पत्य विवादों में कुल 04 प्रकरणों का सफलतापूर्वक निस्तारण श्री शैलेन्द्र निगम अतिरिक्त परिवार न्यायाधीश व श्रीमती कल्पना द्वितीय स्पेशल जज पोक्सो की पीठों द्वारा किया गया।
अपर जनपद न्यायाधीश / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इटावा श्रीमती श्वेता श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि न्यायिक अधिकारीगण के अतिरिक्त विभिन्न विभागों व बैंको से सम्बन्धित प्री लिटिगेशन के 80874 वाद निस्तारित किए गए जिनमे 281077818/-रू. वसूल किए गए। प्री-लिटिगेशन तथा लम्बित वादों का निस्तारण करते हुए सकल रूप में 282999097 /- रू० धनराशि के मामले निस्तारित किए गए। इस लोक अदालत में विभिन्न दूर- सुदूर क्षेत्रों से आए हुए लोगों को बैंकों के ऋण के भुगतान के संबंध में अच्छी छूट दी गई। राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायिक अधिकारीगण, प्रशासनिक अधिकारीगण, अधिवक्तागण सहित काफी संख्या में वादकारीगण उपस्थिति रहे।