बढ़ती ठंड के दृष्टिगत नगर विकास मंत्री ने किया रैन बसेरों का निरीक्षण
ए.के. शर्मा ने देर शाम जियामऊ, बालूअड्डा जोन प्रथम में स्थित स्थाई अस्थायी बने रैन बसेरों की सुविधा देखी
गरीब,बेसहारा, बेघरो को ठंड में खुले आसमान के नीचे न सोना पड़े, सभी नगरीय निकाय रैन बसेरो की व्यवस्था करें
रैन बसेरों में ठंड से बचने के लिए उपलब्ध हो सभी जरूरी वस्तुएं
अस्पतालों, रेलवे व बस स्टेशनों, सार्वजनिक स्थलों, चौराहों, बाजारों के आसपास स्थाई व अस्थाई रैन बसेरा बनाए जाय
रैन बसेरा तक लोग आसानी से पहुंच सके किया जाए व्यापक प्रचार प्रसार, लगाए जाएं साइन बोर्ड
सार्वजनिक स्थलों, चौराहा, बाजारों, रेलवे व बस स्टेशनों के आसपास अलाव जलाने के लिए सभी निकाय करें लकड़ी की पर्याप्त उपलब्धता
रैन बसेरो में साफ सफाई, स्वच्छता, साफ़ पानी, बिस्तर की स्वच्छता, सुंदरता पर देंगे विशेष ध्यान
रैन बसेरों में आने वाले लोगों की सुविधाओं का रखा जाए ख्याल
रैन बसेरो की व्यवस्था ऐसी हो, यहां आकर लोगों को हो घर जैसा एहसास
– नगर विकास मंत्री श्री के शर्मा
लखनऊ धर्मेंद्र कुमार वर्मा प्रतिनिधि
प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में गरीब, बेसहारा, बेघरो को ठंड से बचाने के लिए नगरीय निकायों द्वारा की जा रही रैन बसेरो और अलाव जलाने की व्यवस्था की वास्तविकता जानने के लिए नगर विकास मंत्री ने लखनऊ नगर निगम द्वारा संचालित किए जा रहे रैन बसेरों की व्यवस्था का मौके पर जाकर निरीक्षण किया।
नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा जी ने शनिवार को देर शाम 7:30 बजे जियामऊ, बालूअड्डा जोन प्रथम में स्थित स्थाई अस्थाई रूप से बने रैन बसेरों की व्यवस्था व सुविधाओं को मौके पर जाकर देखा। बालूअड्डे में बने अस्थाई रैन बसेरे में विभिन्न जनपदों सीतापुर , बहराइच, गोंडा से आए हुए मजदूर, मिस्त्री, दवा कराने के लिए आए हुए 40 लोग आश्रय लिए हुए मिले। इसमें अलीगढ़ के राजीव कुमार बंसल लखनऊ के राजू गोंडा के महावीर और संतोष कुमार जो कि मजदूर मिस्त्री का काम यहां पर रहकर करते हैं। आश्रय लिए हुए थे। इनके लिए रहने की बेहतर व्यवस्था की गई थी। रैन बसेरा के सामने ठंड से बचाव के लिए अलाव भी जलाता पाया गया। मंत्री जी ने रैन बसेरा शरण लिए हुए लोगों से बातचीत की और उनके बारे में जानकारी भी ली।
इसके पश्चात मंत्री जी जीयामऊ स्थित स्थाई रैन बसेरा का निरीक्षण किया। यहां पर उन्हें 50 लोग, जिसमें 10 महिलाएं और 40 पुरुष रैन बसेरा में रहते हुए मिले। इसमें महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग कमरों की व्यवस्था है। जियामऊ के स्थाई रैन बसेरा में आश्रय लिए लोगों को सुबह का नाश्ता, दोपहर का खाना और रात में भी खाना देने, पानी गर्म करने के लिए गीजर की व्यवस्था के साथ बेहतरीन व्यवस्था मिली। साथ ही बेहतरीन साफ सफाई के साथ शौचालयों की भी बेहतर सफाई मिली। सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा भी लगाया गया। टेंट के नीचे खाना बनता देख उसको टीन शेड का बनाने का निर्देश दिया। यहां पर कुछ लोगों के बीमार होने की शिकायत पर मंत्री जी ने नगर आयुक्त को निर्देश दिए कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात कर यहां पर हफ्ते में दो बार डॉक्टर की विजिट कराने की व्यवस्था कराई जाए। इस स्थाई रैन बसेरा में मंत्री जी को 05 वर्षों से नियमित रूप से रहने वाले लोग भी मिले। यह रैन बसेरा उम्मीद संस्था द्वारा नगर निगम के सहयोग से चलाया जा रहा है
नगर विकास मंत्री ने रैन बसेरों में लोगों को ठंड से बचाने के लिए सभी आवश्यक वस्तुओं को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लोग रैन बसेरों तक आसानी से पहुंच सके, इसके लिए जिस स्थान पर भी रैन बसेरा बनाया जाए, उसका व्यापक प्रचार प्रसार कराया जाय, पहुंच मार्ग के संकेत हेतु साइन बोर्ड भी लगाए जाएं तथा रैन बसेरा को संचालित करने वाले व्यवस्थापक का मोबाइल नंबर भी साइन बोर्ड में दर्शाया जाए, जिससे कि लोग आसानी से रैन बसेरा में बिस्तर के उपलब्ध होने या न होने की जानकारी कर सकें। उन्होंने कहा कि रैन बसेरों में साफ सफाई, स्वछता, स्वच्छ पानी, बिस्तर की स्वच्छता, सुंदरता पर विशेष ध्यान देंगे, जिससे यहां पर आकर लोगों का मन मैला न हो, रैन बसेरों में आने वाले लोगों की सुविधाओं का विशेष ख्याल रखा जाए, यहां पर आकर लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, बल्कि उन्हें अपने घर जैसा एहसास होना चाहिए।
श्री ए.के. शर्मा ने सभी नगरीय निकायों को निर्देश दिए हैं कि अस्पतालों, बस व रेलवे स्टेशनो, सार्वजनिक स्थलों, बाजारों के आसपास स्थाई व अस्थाई रैन बसेरों की बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। ऐसे स्थानों पर मजबूरी में व्यक्ति फंस जाता है और उसे ठंड में खुले आसमान के नीचे रहने के लिए मजबूर भी होना पड़ता है। ऐसे स्थानो पर सभी निकायों में अलाव जलाने के लिए लकड़ी की भी पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए। सभी निकाय सुनिश्चित करें कि कोई भी व्यक्ति खुले आसमान के नीचे सोता हुआ न दिखें। सभी रैन बसेरों में खाने-पीने की भी व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए।