दिव्यांग, सामान्य एवं दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों के लिए ‘सूर्यदत्त’ द्वारा आयोजित‘ जल्लोश 2023′ में बने चौदह विश्व रिकॉर्ड
दिव्यांगों और दूरदराज के इलाकों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए ‘सूर्यदत्त’ की पहल
प्रो डॉ. संजय बी. चोरडीया का प्रतिपादन; ‘सूर्यदत्त’ में दिव्यांग, सामान्य एवं दूरस्थ बच्चों के लिए ‘जल्लोश 2023’ कार्यक्रम
दिव्यांगों के लिए ‘सूर्यदत्त’ का कार्य आदर्शवत: प्रवीण कोरगंटीवार
दिव्यांग, सामान्य और दूरदराज के क्षेत्रों के बच्चों के लिए ‘सूर्यदत्त’ द्वारा आयोजित ‘जल्लोश 2023’ में बने चौदह विश्व रिकॉर्ड
छात्रों को पढ़ाई के लिए समय मिले इसलिए उनका शारीरिक परिश्रम कम करना जरूरी
राहुल गरुड का प्रतिपादन; सूर्यदत्त’ द्वारा’ दिव्यांग, सामान्य और दूरदराज के क्षेत्रों के बच्चों के लिए ‘जल्लोश 2023’ कार्यक्रम और दूरदराज के क्षेत्रों के छात्रों को साइकिल का वितरण
पुणे : सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स द्वारा विकलांग बच्चों, सामान्य और दूरदराज के इलाकों के बच्चों के लिए आयोजित ‘जल्लोश 2023’ (ट्रायो सेलेब फेस्ट 2023) खुशी दोस्ती की, रिश्तों का जश्न और दूरदराज के क्षेत्रों के छात्रों को साइकिल वितरण जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम में इंडिया स्टार बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, इंटरनेशनल वर्ल्ड रिकॉर्ड्स जैसे कुल चौदह विश्व रिकॉर्ड स्थापित हुए.
‘सूर्यदत्त’ के बावधन परिसर स्थित सूर्य भवन में इन दिव्यांग बच्चों के लिए आयोजित सामाजिक कार्यक्रम में जादू के प्रयोग, नृत्य प्रदर्शन, भोजन वितरण, गुब्बारे बाटना और दूरदराज के क्षेत्रों के छात्रों को साइकिल वितरण जैसी गतिविधियां की गईं। इस साल कार्यक्रम का तेरहवाँ वर्ष है।
विकलांग बच्चों के 21 स्कूलों और आदिवासी क्षेत्रों के 22 स्कूलों के 600 और सूर्यदत्त नेशनल स्कूल के 600 छात्रों, कुल 1,200 छात्रों ने एकसाथ आकर नए साल और क्रिसमस का जश्न विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से लगातार चार घंटों तक मनाने का यह अनोखा विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया। इनमें इंडिया स्टार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंडिया स्टार वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, रिपब्लिक वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, उत्तर प्रदेश वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, यूके वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, वुमेन वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, इंटरनेशनल वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, इंडियन आइकन रिकॉर्ड्स, इंटरनेशनल वूमेन वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, उत्तराखंड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, होप इंटरनेशनल वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, आसम बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बंगाल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स जैसे चौदह विश्व रिकॉर्ड इसमें शामिल हैं। साथ ही लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के लिए भी इस रीकॉर्ड्स को दर्ज किया गया है।
‘सूर्यदत्त’ के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया, उपाध्यक्ष सुषमा चोरडिया, समाज कल्याण विभाग अधिकारी प्रवीण कोरगंटीवार, सकाल सोशल फाउंडेशन के राहुल गरुड़, लायंस क्लब निदेशक (दिव्यांग कल्याण) सीमा दाबके ने मेधावी बच्चों की सराहना की। इस अवसर पर डाॅ. शीतल बागुल, माधुरी पंडित, शांतिदूत परिवार की सदस्य त्रिशाली जाधव आदि उपस्थित थे। ‘सूर्यदत्त’ को 25 साल पूरे होने पर, विकलांगों के लिए काम करने वाले प्राध्यापकों, शिक्षकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, मनोवैज्ञानिकों, देखभाल करने वालों जैसे 25 लोगों को ‘सूर्यदत्त सूर्यभारत सूर्य गौरव पुरस्कार 2023’ से सम्मानित किया गया।
प्रो डॉ. संजय बी. चोरडिया ने कहा, ”दिव्यांग बच्चों के जीवन स्तर में सुधार लाने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए ‘सूर्यदत्त’ की ओर से ‘जल्लोश 2023’ का आयोजन किया गया है साथ ही उन्हें और अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए ‘सूर्यदत्त’ की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं. ‘जल्लोश 2023’ यह वर्ष हमारे लिए खास हैं। इस साल लगबघ 21 स्कूलों से 600 दिव्यांग छात्र एक जगह इकट्ठा होकर इस तरह का जश्न मना रहे हैं. इसके अलावा, सूर्यदत्त नेशनल स्कूल के 600 छात्रों और आदिवासी क्षेत्रों के 100 छात्र तथा उनके अभिभावक उनके साथ त्योहार मनाने के लिए सहभागी हुए। सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन द्वारा इतनी बड़ी संख्या में विकलांग बच्चों को एक साथ लाकर इस तरह के कार्यक्रम का जश्न मनाने के कारण यह एक अनोखा विश्व रिकॉर्ड बना है।”
“दिव्यांग विद्यार्थियों में मुझे भगवान दिखता हैं। उनमें अपार ऊर्जा होती है। हमें दिव्यांगों को किसी कमी के रूप में नहीं देखना चाहिए बल्कि भगवान के उपहार के रूप में उन्हें देखना चाहिए। दिव्यांगों के जीवन स्तर को उपर उठाने के लिए, उन्हें प्रोत्साहित करने तथा वे भी अपना जीवन सामान्य बच्चों की तरह जी सकें, इसके लिए सूर्यदत्त की ओर से इस प्रकार की गतिविधि हर वर्ष आयोजित की जाती है। इस समारोह का यह 13वां वर्ष है और इस वर्ष इस गतिविधि को विश्व रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। इतनी बड़ी संख्या में दिव्यांग बच्चे, सामान्य बच्चे, दूरदराज के इलाकों के बच्चे एक साथ मिलकर नए साल, क्रिसमस का स्वागत कर रहे हैं। ऐसी गतिविधि पहली बार हो रही है. इन बच्चों के लिए काम करने वाली संस्थाओं का काम सराहनीय है,” ऐसी राय प्रो. डॉ. संजय बी चोरडिया ने व्यक्त की।
प्रवीण कोरगंटीवार ने कहा, “पुणे जिला विकलांगों के लिए काम करने में अग्रणी है इस पर हमें गर्व है। ‘सीएसआर’ के माध्यम से काम करने और वास्तव में दिल, आत्मा और धन के साथ काम करने के बीच बड़ा अंतर है। चोरडिया दंपति इसी तरह विकलांगों के लिए काम कर रहे हैं। ‘सूर्यदत्त’ का अनुकरण अन्य सामाजिक संस्थाओं द्वारा करने की आवश्यकता है। दिव्यांगों के लिए ऐसी गतिविधियां चलाना बहुत जरूरी है।”
राहुल गरुड ने कहा, “सूर्यदत संस्थान के सहयोग से सकाल सोशल फाउंडेशन लगातार नई नई गतिविधिया क्रियान्वित कर रहा है। दूरदराज और आदिवासी इलाकों के छात्रों को हर महीने 25 से 30 साइकिलें वितरित की जाती हैं। सूर्यदत्त के 25 वर्ष पूरे होने पर रायगढ़ जिले के म्हसाल के 25 छात्रों को इस अवसर पर साइकिलें वितरित की गईं। छात्रों के शारीरिक परिश्रम को कम कर उन्हें ज्यादा से ज्यादा समय पढ़ाई के उपलब्ध हो इसलिए ऐसी गतिविधिया सहायक होती हैं।”
सीमा दाबके ने कार्यक्रम के आयोजन के पीछे की भूमिका के बारे में बताया. उन्होंने कहा, “यह वर्ष कार्यक्रम का तेरहवां वर्ष है, और हर साल सूर्यदत्त संस्था अपना सब कुछ झोक कर इस कार्यक्रम को सफल बनाती है। इस पहल के माध्यम से चोरडिया दंपत्ति हमेशा हमारे बच्चों की जिद पुरा करते हैं. इससे विकलांग बच्चों का मनोबल बढ़ाने में मदद मिलती है। यह हमारे छात्रों को प्रेरणा और ताकत प्रदान करता है।”
प्रशांत पितलिया ने कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन किया।