सीतामढ़ी

सीतामढ़ी जिला स्तरीय बाल दरबार का किया गया आयोजन

सीतामढ़ी जिला स्तरीय बाल दरबार का किया गया आयोजन।

बाल दरबार लगा कर बच्चों ने किया अधिकार और कर्तव्य की बात |
बच्चो को आने वाले समस्या और समाधान के लिए उप विकास आयुक्त से किया संवाद |

महिला विकास निगम, बिहार, यूनिसेफ और प्रथम संस्था के सहयोग से उड़ान परियोजना के अंतर्गत डुमरा प्रखंड सभाकक्ष मे आयोजित जिला स्तरीय बाल दरबार कार्यक्रम का शुभारंभ उप विकास आयुक्त डॉ प्रीति और किशोरियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया | किशोरियों ने अपने सरोकारों व अधिकारों और समाज के विभिन्न मुद्दों पर खुलकर चर्चा की | उप विकास आयुक्त डॉ प्रीति ने बच्चों से घुलमिल गए और सहजता पूर्वक बच्चों को प्रोत्साहित किए | उन्होंने बताया किसी बड़े कार्य के लिए आदमी स्वंय सक्षम है, हमे सकारात्मक सोच हमेशा बनाए रखना है| विपरीत परिस्थिति मे धैर्य के साथ आगे बढ़ते रहना है| उन्होंने बच्चों को बताया यह उम्र जीवन का नींव है इसे मजबूत बनाना है |शिक्षा से इंसान सब कुछ बदल सकता है | उन्होंने किशोर-किशोरियों को जीवन कौशल के संबंध मे विस्तार से जानकारी दी |

समाज के अलग-अलग तबकों से आने वाले बच्चे एवं किशोर-किशोरियों ने समूह मे बैठक कर अपनी समस्याओं, मुद्दों व अधिकारों को लेकर विस्तार से चर्चा की, समूह मे चर्चा में शिक्षा, सुरक्षा, पोषण, स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, बाल विवाह, बाल श्रम से जुड़ी विभिन्न चुनौतियों, सरकार की योजनाओं से उन्हें लाभ मिला और कैसे एक बेहतर दुनिया का निर्माण किया जा सकता है |
सीतामढ़ी बाल दरबार में 17 वर्ष की निर्मला कुमारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में बाल विवाह मे कमी आई है, रोक-थाम के लिए जागरूकता की आवश्यकता है। चिंता, भय और अवसाद जैसी समस्याओं को चर्चा में शामिल करते हुए 16 साल के मोनिका ने कहा कि हमे और सशक्त बनकर आगे बढ़ना है। 14 साल की स्तुति ने बताया लड़कियों को दहेज प्रथा रोकने के लिए उच्चतर शिक्षा जरूरी है।
डीडीसी डॉ प्रीति ने बताया कि बाल दरबार से विभिन्न सरकारी विभागों/नीति निर्धारकों को बच्चों एवं किशोर-किशोरियों से सीधे संवाद कर, उनके सरोकारों और सुझावों को बेहतर ढंग से जानने-समझने का मौका मिला। इससे बच्चों के लिए, ख़ास तौर से वंचित वर्ग के बच्चों के लिए बेहतर योजनाएं और कार्यक्रम बनाने में मदद मिलेगी.
बधाई देते हुए डीपीओ आईसीडीएस कंचन कुमारी गिरी ने कहा कि संयुक्त राष्ट बाल अधिकार समझौते एवं राष्ट्रीय बाल नीति के मुताबिक़ बच्चों को भागीदारी और विचार व्यक्त करने का अधिकार है | इस दिशा में समाज कल्याण विभाग ने बाल दरबार के माध्यम से ज़िला में एक सशक्त और संवेदनशील प्लेटफ़ॉर्म दिया जा रहा है जो बेहद सराहनीय है. उम्मीद है कि इस संवाद को एक नियमित/सतत प्रक्रिया का स्वरूप दिया जाएगा जिसके तहत बच्चों के मुद्दों और सुझावों पर यथोचित कार्रवाई हेतु संबद्ध अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ फॉलो अप भी हो सके।
कार्यक्रम के दौरान वरीय उप समाहर्ता -सह- सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई नीलम कुमारी ने बच्चो को शुभकामनाएं दी और बाल दरबार ऐसे आयोजन को उन्होंने सराहना किया।
उड़ान परियोजना के यूनीसेफ/ प्रथम संस्था के जिला समन्वयक सुधीर कुमार ने बताया बाल दरबार मे डुमरा, परसौनी, रीगा, सुरसंड और परिहार प्रखण्ड के किशोर-किशोरियां भाग लिय है| कार्यक्रम में डुमरा बीडीओ अमरेंद्र कुमार, सीडीपीओ कामिनी कुमारी, प्रखंड कल्याण पदाधिकरी मुकेश कुमार, प्रथम संस्था के प्रखण्ड समन्वयक बिरेन्द्र कुमार आदि शामिल रहे।

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