सीतामढ़ी

गरीबी से लड़कर की मेहनत, अब BPSC +2शिक्षक में भर्ती हो ताना मारने वालों को दिया जवाब.

गरीबी से लड़कर की मेहनत, अब BPSC +2शिक्षक में भर्ती हो ताना मारने वालों को दिया जवाब.

रिपोर्ट पुरुषोत्तम कुमार महतो 

सीतामढ़ी बिहार: सुप्पी,रमनगरा के सुरेश महतो के पुत्र रामाशंकर कुमार BPSC शिक्षक बन गया है। वह डुमरा प्रखंड के बनचौरी गांव में हाई स्कूल में पदस्थापित हुऐ हैं।उनके पिता गाजियाबाद में पूरे परिवार का पालन-पोषण करते थे. परिवार की हालात की मार से पढ़ाई लिखाई छोड़ देते हैं लेकिन रामाशंकर ने हिम्मत नहीं हारी. उसका परिणाम ये रहा कि आज वो BPSC हाई स्कूल शिक्षक बनचौरी के लिए चयनित हुआ हैं. रामाशंकर के पिता सुरेश महतो एक ई-रिक्शा चालक हैं और उनकी मां तारा देवी गृहिणी हैं.घर पर आर्थिक स्थिति बिगड़ गई थी. माता तारा देवी के लिए घर चलाना मुश्किल हो गया. गरीबी में तिन बेटी व दो बेटा का पालन हो रहा था. स्थिति ऐसी हो गई कि घर चलाना मुश्किल था. पिता ने संभाली जिम्मेदारी थी जिम्मेदारी।
माता-पिता अपनी बेटा की परीक्षा का परिणाम जानने के लिए बेहद उत्साहित थे. परिवार में रामाशंकर का एक छोटा भाई भाई भी है. उनके छोटे भाई दीपक कुमार ने इस साल 12वीं कक्षा पास किया है.
रामाशंकर ने यह भी बताया कि वह एक आईएएस अधिकारी बनने की ख्वाहिश रखता था उन्होंने कहा कि, “मैं साइंस स्ट्रीम लेना चाहता था ,लेकिन मेरा परिवार ट्यूशन फीस नहीं दे सकता था. इसलिए, मैंने कॉमर्स स्ट्रीम लेने का फैसला किया. चाहे स्ट्रीम कोई भी हो, मेरा एकमात्र उद्देश्य है आईएएस अधिकारी बनना. लेकिन मैं हाई स्कूल शिक्षक ही बन पाया। बात करते हुए रामाशंकर ने कहा कि, मैंने BPSC परीक्षा हासिल करने के लिए बहुत मेहनत की. मैं अपना रिजल्ट देखकर बहुत खुश था. मेरी मेहनत रंग लाई. मैं अपनी सफलता को श्रेय मेरे माता-पिता और भगवान को देता हूं. आज अपनी इसी मेहनत के कारण उन्होंने अपनी सफलता से पूरे परिवार को गौरवान्वित महसूस कराया है. रामाशंकर ने गांव के लोगों के तानों को इग्नोर कर सफलता प्राप्त किया है। लोग तरह-तरह की बातें कहते थे । उन्होंने कभी भी उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया और अपनी मेहनत करता रहा ।उसके अंदर शुरू से ये बात थी कि जो ठान लिया वो करना ही है. इसका यही परिणाम निकला कि जो तब ताने मारते थे और नीचा दिखाने का का प्रयास करते थे वही आज तारीफ कर रहे हैं. कुमार ने बताया कि इस नौकरी में bed से बहुत मदद मिली है. उनके पास Bed का सार्टिफेकेट है. उसका लक्ष्य है कि वह आगे चलकर शिक्षा विभाग में ऑफिर बने. इसके लिए उसने तैयारी शुरू कर दी है. उन्होंने बताया कि भले लोगों ने ताने मारे लेकिन परिवार ने हमेशा उनका साथ दिया. कभी भी किसी प्रकार की रोक-टोक नहीं की.

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