रश्मि शुक्ला होंगी महाराष्ट्र की नई डीजीपी, फोन टैपिंग केस के बाद रही थीं चर्चित
Maharashtra DGP: आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला महाराष्ट्र की नई डीजीपी होंगी. वह वर्तमान पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रजनीश सेठ की जगह जिम्मेदारी संभालेंगी.
रश्मि शुक्ला फिलहाल डीजी पद पर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. राज्य में शुक्ला ने अतीत में पुणे पुलिस आयुक्त और राज्य खुफिया विंग के निदेशक सहित कई प्रमुख पदों पर कार्य किया है. वह फोन टैपिंग केस के बाद चर्चा में रही थीं.
राज्य की सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं रश्मि शुक्ला
रश्मि शुक्ला राज्य की सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं. डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार ने वरिष्ठता के स्तर के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक सूची सौंपी है.
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एक उच्च पदस्थ ब्यूरोक्रैट ने बताया कि वरिष्ठता के मामले में शुक्ला के बाद महाराष्ट्र पुलिस हाउसिंग एंड वेलफेयर कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक संदीप बिश्नोई और मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक फणसलकर हैं. रश्मि शुक्ला 1988 बैच की हैं, वहीं बिश्नोई और फणसलकर 1989 बैच के हैं. रश्मि शुक्ला 30 जून 2024 को रिटायर होंगी तो बिश्नोई 31 मार्च 2024 और फणसलकर 31 मार्च 2025 को सेवानिवृत्त होंगे.
4 अक्टूबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रजनीश सेठ को एमपीएससी का अध्यक्ष नियुक्त किया था. हालांकि, तब उन्हें नया कार्यभार न संभालने और उनके स्थान पर किसी को डीजीपी नियुक्त किए जाने तक इंतजार करने के लिए कहा गया था. 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी सेठ 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले हैं.
ब्यूरोक्रैट ने कहा कि गृह मंत्रालय की ओर से निर्धारित मानदंडों के अनुसार, राज्य सरकार को पिछले 10 वर्षों के सेवा रिकॉर्ड के साथ वरिष्ठतम आईपीएस अधिकारियों का एक पैनल प्रस्तुत करना होगा. गृह मंत्रालय एक शॉर्टलिस्ट बनाता है, जिसमें से राज्य सरकार नए डीजीपी का चयन करती है.
नेताओं के फोन टैप करने का लगा था आरोप, बॉम्बे HC ने रद्द की थी दो FIR
बॉम्बे हाई कोर्ट ने इसी साल 8 सितंबर को आईपीएस अधिकारी रश्मी शुक्ला के खिलाफ दो एफआईआर रद्द कर दी थीं. उन पर 2015-2019 के बीच कथित तौर पर राजनेताओं के फोन टैप करने का आरोप था, जब पिछला बीजेपी नेतृत्व वाला गठबंधन राज्य की सत्ता में था.
मुंबई में दर्ज की गई पहली एफआईआर में शुक्ला पर पर शिव सेना (यूबीटी) नेता संजय राउत और एनसीपी नेता एकनाथ खडसे के फोन को अवैध रूप से टैप करने का मामला दर्ज किया गया था, जबकि पुणे में दर्ज की गई दूसरी एफआईआर में उन पर कांग्रेस नेता नाना पटोले के फोन को अवैध रूप से टैप करने का आरोप लगाया गया