पूरा परिवार खत्म: कर्ज से परेशान पोस्टमास्टर ने उठाया खौफनाक कदम… साल की आखिरी शाम मच गया हड़कंप
साल की आखिरी रात आदमपुर डाकघर में प्रभारी मनमोहन सिंह, उनकी पत्नी, दो बेटियों और नाती का शव घर में पड़ा मिला था। मृतक के दामाद बार बार फोन कर रहे थे, जब किसी ने फोन नहीं उठाया तो वे घर पहुंचे जिसके बाद पूरा मामला सामने आया।
2023 के आखिरी दिन जब पूरा जालंधर नए साल के जश्न में डूबा था, तब गांव डरौली खुर्द से आई एक सनसनीखेज खबर से हड़कंप मच गया। डाकखाने में काम करने वाले मनमोहन सिंह का पूरा परिवार एक झटके में खत्म हो गया।
मृतकों की पहचान मनमोहन सिंह (55), उसकी पत्नी सर्बजीत कौर(55), दो बेटियां प्रभजोत उर्फ ज्योति (32), गुरप्रीत कौर उर्फ गोपी (31) और ज्योति की बेटी अमन (3) के रूप में हुई है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस को मनमोहन सिंह और सरबजीत कौर का शव फंदे से लटका मिला, बाकी तीन शव बेड पर पड़े थे।
सूत्रों के अनुसार, मनमोहन सिंह कर्ज से परेशान था और उसने चारों की हत्या कर खुद आत्महत्या कर ली। मौके से मिले सुसाइड नोट में लिखा है कि कर्ज और पारिवारिक कलह के कारण टेंशन है। हालांकि एसएसपी मुखविंदर सिंह का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही कारण साफ होंगे।
देर रात मिली थी सूचना
आदमपुर के डीएसपी विजयकंवर के मुताबिक देर रात पुलिस को सूचना मिली कि गांव डरौली खुर्द में डाकखाना में कार्यरत मनमोहन सिंह व उसके परिवार ने आत्महत्या कर ली है।
फोन का जवाब न मिलने पर पहुंचा था दामाद
मृतक मनमोहन के दामाद सर्बजीत सिंह ने बताया कि वे बीते दिन से ससुराल में फोन कर रहे थे, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। रविवार देर शाम वह खुद डरौली खुर्द पहुंचे तो घर में पांचों के शव फंदे से लटक रहे थे। पुलिस के मुताबिक घटनास्थल से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। हालांकि किसी ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। प्रारंभिक जांच में बताया जा रहा है कि परिवार ने आर्थिक तंगी के चलते सुसाइड किया है।
आसपास के लोगों का कहना है कि मनमोहन सिंह काफी समय से कर्ज से परेशान थे। थाना आदमपुर के एसएचओ मंजीत सिंह का कहना है कि फोरेंसिक टीम भी जांच के लिए पहुंच गई है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट भी मिला है जिसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।