जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति(दिशा) की आहूत बैठक में आज जिला स्तरीय उर्वरक निगरानी समिति की बैठक भी की गई।
विशाल समाचार नेटवर्क न्यूज
बैठक में माननीय अध्यक्ष महोदय के द्वारा निर्देशित किया गया कि जिले में उर्वरक की उपलब्धता में निरंतरता बनी रहे ताकि किसानों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े। साथ ही उर्वरकों की कालाबाजारी, जमाखोरी और मुनाफाखोरी पर रोक लगाने हेतु पैनी नजर रखी जाए।नियमित छापामारी भी की जाए। निर्देश दिया गया कि खुदरा उर्वरक विक्रेता अपने-अपने दुकानों के सूचना पट्ट पर उपलब्ध उर्वरक की मात्रा एवं उर्वरक के मूल्य को प्रदर्शित करें। निर्देश दिया गया कि उर्वरकों की बिक्री, मूल्य ,वितरण व्यवस्था एवं गुणवत्ता पर सतत निगरानी रखी जाए एवं निर्धारित तिथि पर प्रखंड स्तरीय उर्वरक निगरानी समिति की भी बैठक आहूत की जाए।
बैठक में जिला कृषि अधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि जिले में ठोक उर्वरक विक्रेताओं की संख्या 27 है जबकि खुदरा उर्वरक विक्रेताओं की संख्या 820 है। उन्होंने प्रखंड वार उपलब्ध यूरिया उर्वरक की मात्रा के बारे में बताया कि विभिन्न प्रखंडों में कुल 9210. 88 मेट्रिक टन यूरिया उर्वरक उपलब्ध है। जिले में यूरिया उर्वरक की कोई कमी नही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान वर्ष रबी–2023 में उर्वरक की कालाबाजारी/ तस्करी के आरोप में 05 खुदरा उर्वरक विक्रेताओं में से तीन उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठान को निलंबित किया गया है तथा दो उर्वरक विक्रेताओं के उर्वरक बिक्री पर रोक लगाते हुए तत्काल प्रभाव से उर्वरक उप आवंटन अवरुद्ध कर दिया गया है। संबंधित खुदरा उर्वरक विक्रेताओं के विरुद्ध जांच दल से जांच कराई जा रही है। जांच प्रतिवेदन प्रतिकूल होने की स्थिति में अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि उर्वरक प्रतिष्ठानों से उर्वरक नमूना प्राप्त कर विश्लेषण हेतु जांच प्रयोगशाला भेजा जाता है। यदि जांच रिपोर्ट मानक पर खरा नहीं उतरता है तो कानूनी कार्रवाई की जाती है। बैठक में विभिन्न माननीय जनप्रतिनिधिगण के साथ जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, उप विकास आयुक्त,जिला कृषि पदाधिकारी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।