भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन कार्यों में बच्चों के उपयोग को किया प्रतिबंधित
आयोग ने निर्वाचन गतिविधियों में बच्चों के उपयोग के प्रति व्यक्त की शून्य सहनशीलता
जिला निर्वाचन अधिकारी व सहायक रिटर्निंग अधिकारी बालश्रम कानून से संबंधित आयोग के निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करायें
लखनऊ विशाल समाचार टीम
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवदीप रिणवा ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने बालश्रम कानून के तहत आगामी लोकसभा सामान्य निर्वाचन, विधानसभा सामान्य निर्वाचन तथा उप निर्वाचन के समय निर्वाचन संबंधी कार्यों, प्रचार अभियानों व अन्य चुनावी गतिविधियों में बच्चों के उपयोग के प्रति शून्य सहनशीलता का संदेश देते हुए राजनैतिक दलों, अभ्यर्थियों एवं निर्वाचन मशीनरी को निर्वाचन संबंधी कार्यों व अन्य गतिविधियों में नाबालिग बच्चों के उपयोग न करने का निर्देश दिया है। आयोग के निर्देशानुसार राजनैतिक दलों को सलाह दी गई है कि वे पोस्टर/पैम्फ्लेट बांटने या नारेबाजी करने, प्रचार अभियान रैलियों व अन्य चुनावी गतिविधियों में तथा निर्वाचन की बैठकों आदि में भाग लेने सहित किसी भी प्रकार की निर्वाचन संबंधी अभियानों में बच्चों का उपयोग से बचना चाहिए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि राजनैतिक दलों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिये गये हैं कि चुनाव के दौरान बच्चों को रैलिया निकालने, नारे लगवाने, पोस्टर एवं पैम्फलेट्स बांटने या निर्वाचन संबंधी अन्य गतिविधियों व प्रचार अभियानों में शामिल न किया जाए। साथ ही राजनैतिक नेताओं एवं अभ्यर्थियों द्वारा बच्चों को गोद में लेने, वाहन या रैलियों में बच्चे को ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। राजनैतिक दलों को किसी भी तरह के प्रचार अभियान गतिविधियों के लिए बच्चों का उपयोग नहीं करना होगा।
इसके अतिरिक्त कविता, गीतों, मौखिक शब्दों का प्रयोग करने, राजनैतिक दल व अभ्यर्थी के प्रतीक चिह्नों का प्रदर्शन करने, राजनैतिक दल की विचारधारा का प्रदर्शन करने, किसी राजनैतिक दल की उपलब्धियों को बढ़ावा देने या विरोधी राजनैतिक दलों व अभ्यर्थियों की आलोचना करने सहित किसी भी प्रकार से राजनैतिक प्रचार-अभियान की झलक बनाने के लिए बच्चों का उपयोग करने पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। फिर भी इसके अलावा यदि किसी राजनैतिक नेता के समीप अपने माता-पिता या अभिभावक के साथ किसी ऐसे बच्चे की उपस्थिति पाई जाती है, जो राजनैतिक दल के किसी निर्वाचन प्रचार अभियान में शामिल नहीं है, तो इसे बालश्रम कानून के उल्लंघन के तौर पर नहीं माना जाएगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आयोग ने सभी निर्वाचन पदाधिकारियों और मशीनरी को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि वे निर्वाचन-संबंधी कार्यों व गतिविधियों के दौरान बच्चों को किसी भी हैसियत से शामिल करने से बचें। जिला निर्वाचन अधिकारी, सहायक रिटर्निंग अधिकारी एवं अन्य निर्वाचन प्राधिकारियों समस्त राजनैतिक दलों निर्वाचन लड़ने वाले उम्मीदवारों को बालश्रम कानून से संबंधित सभी संगत अधिनियमों और कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। निर्वाचन के दौरान बालश्रम कानून के सुसंगत प्रावधानों के उल्लंघन पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।