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महाराष्ट्र की इस सीट पर बैलेट पेपर से होगा मतदान, गांव वालों ने ईवीएम को दे दी चुनौती

महाराष्ट्र की इस सीट पर बैलेट पेपर से होगा मतदान, गांव वालों ने ईवीएम को दे दी चुनौती

महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में एक गांव में ग्रामीणों ने बैलेट पेपर से अनाधिकारिक मतदान करवाने का फैसला किया है। प्रशासन ने कानून व्यवस्था को लेकर पहले ही चेतावनी जारी कर दी है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद भी विपक्ष ने ईवीएम पर निशाना साधा। शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत कई बार कह चुके हैं कि परिणाम चौकाने वाले हैं और पूरी प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई है। अब सोलापुर के एक गांव में बैलेट पेपर से चुनाव होने जा रहे हैं। यह वोटिंग चुनाव आयोग नहीं करवा रहा है बल्कि गांव के लोगों ने खुद ही वोटिंग करने का फैसला किया है और पूरी व्यवस्था भी की है। गांव के लोगों का कहना है कि पूरा गांव महाविकास अघाड़ी का समर्थक है। बावजूद इसके गांव से बीजेपी के प्रत्याशी को ज्यादा वोट मिले हैं।

सोलापुर जिले का मारकावाडी गांव मालशिराज विधासभा क्षेत्र में आता है। इस सीट पर एनसीपी (SP) प्रत्याशी उत्तमराव जांकर ने बीजेपी के पूर्व विधायक राम सतपुते को हराया है। हालांकि गांव के लोगों का कहना है कि इस गांव के आंकड़ों में बीजेपी प्रत्याशी आगे थे। सोलापुर प्रशासन ने कुछ गांव के लोगों को नोयिस जारी कर इस रीपोलिंग को रुकवाने की भी बात कही है। प्रशासन का कहना है कि इससे तनाव का माहौल बन सकता है। सोमवार को ही गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया।

सोलापुर के एसपी अतुल कुलकर्णी ने कहा, हमने सावधानी की लिहाज से पुलिस फोर्स तैनात कर दी है। इसके अलावा प्रशासन गांव के लोगों से बात कर रहा है कि इस तरह का कदम ना उठाया जाए। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक एक ग्रामीण ने कहा कि गांव में 2000 वोट्स थीं। इनमें से 1900 पोल हुई थीं। गांव हमेशा से ही जांकर का समर्थक रहा है। लेकिन इस चुनाव में जांकर को 843 ही वोट मिले और सतपुते को 1003 वोट मिल गए। हम चुनाव आयोग के इस आंकड़े को नहीं मान सकते। इसीलिए एक बार फिर 3 दिसंबर को बैलेट पेपर से यहां मतदान करवाया जाएगा।

 

एमवीए के समर्थकों का कहना है कि चंदा लगाकर बैलेट पेपर तैयार करवाया गया है जिसपर प्रत्याशियों का फोटो और नाम है। इसके अलावा सभी ग्रामीणों को वोट के लिए आमंत्रित करने के लिए बैनर लगाए गए हैं। हम चुनाव जैसी पूरी प्रक्रिया का पालन करेंगे। इसके अलावा तहसीलदार से भी अपील की गई है कि कुछ सरकारी अधिकारियों को प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए भेजा जाए। वहीं मालशिरा सीट के रिटर्निंग ऑफिसर का कहना है कि यहां चुनाव की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी थी। मरकावाडी में तीन बूथ थे और आंकड़ों में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं है।

 

वहीं गांव के बीजेपी समर्थकों ने कह दिया है कि वे इस वोटिंग में हिस्सा नहीं लेंगे। एक ग्रामीण का कहना है कि पूरे गांव को बिना विश्वास में लिए कुछ लोगों ने वोटिंग का फैसला ले लिया। अगर चुनाव करवाना ही है तो चुनाव अधिकारी को करवाना चाहिए।

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