टाटा मोटर्स ने अपने साणंद कारखाने से 10 लाखवीं कार निकलने का जश्न मनाया
पुणे: भारत की अग्रणी ऑटोमोटिव निर्माता कंपनी, टाटा मोटर्स ने अपने विनिर्माण इतिहास की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि की घोषणा की है। कंपनी ने साणंद, गुजरात में स्थित अपने अत्याधुनिक कारखाने से 10 लाखवीं कार निकाली है। यह शानदार उपलब्धि लगातार नवाचार के लिये टाटा मोटर्स की प्रतिबद्धता दिखाती है। कंपनी उन्नत उत्पादों की आपूर्ति के लिये प्रतिबद्ध है, जो उपभोक्ता की खुशियाँ बढ़ाते हैं। इसमें साणंद कारखाने की टीम का कठोर परिश्रम और समर्पण भी दिखता है, जिन्होंने इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
साणंद का संयंत्र 2010 में स्थापित हुआ था। यह 1100 एकड़ – 741 एकड़ (टीएमएल) और 359 एकड़ (वेंडर पार्क) में फैला है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इसके 6000 से अधिक कर्मचारी हैं। यह टाटा मोटर्स की तरक्की और सफलता में महत्वपूर्ण रहा है। टाटा मोटर्स के सबसे नये संयंत्रों में से एक के तौर पर, साणंद कारखाने के पास सभी प्रक्रियाओं के लिये अप-टू-द-मिनट टेक्नोलॉजी है। बेहद मेकैनाइज़्ड इस संयंत्र ने लीन प्रोसेस मैनेजमेंट सिस्टम को अपनाया है। यहाँ प्रेस लाइन, वेल्ड शॉप, पेंट शॉप, असेम्बली लाइन और पावरट्रेन शॉप है। यहाँ की असेम्बली लाइन में लचीलापन है और यात्री वाहनों के विभिन्न मॉडल्स जैसे कि टियागो, टियागो एएमटी, टियागो.ईवी, टियागो आईसीएनजी, टिगोर, टिगोर एएमटी, टिगोर ईवी, टिगोर आईसीएनजी और एक्सप्रेस-टी ईवी बनाने के लिये यह मशहूर है। एक सिंगल मॉडल प्लांट को सफलतापूर्वक मल्टी-मॉडल प्लांट में बदला गया है। संपदाओं के 100% प्रबंधन और उपयोगिता के साथ यहाँ से तीन मॉडल निकल रहे हैं।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर अपनी बात रखते हुए, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, श्री शैलेश चंद्रा ने कहा, ‘’अपने साणंद प्लांट से 10लाखवीं कार को निकलता देखने पर हमें बहुत गर्व है। भारत में हमारी तरक्की की कहानी लिखने में इस कारखाने का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, क्योंकि इसने बाजार की जरूरतों का त्वरित समाधान पेश किया है। यह उपलब्धि अपने लिये हमारे उच्च मानकों का सबूत देती है और ग्राहकों के लिये हमारी प्रतिबद्धता दिखाती है। हमारी कोशिशों से हमारे उत्पादों के प्रति आकर्षण बढ़ा है और यह उपलब्धि निश्चित तौर पर उपभोक्ताओं के बीच हमारे उत्पादों की लोकप्रियता को पुनः पुष्ट करती है। हमें यातायात के ज्यादा सुरक्षित, स्मार्ट और हरित समाधान प्रदान करने की इस गति को भी बढ़ाने का भरोसा है। यह उपलब्धि हमारी है। हम अपने कर्मचारियों, आपूर्तिकर्ताओं, चैनल पार्टनर्स और सबसे महत्वपूर्ण, गुजरात सरकार का सम्मान करते हैं और उन्हें धन्यवाद देते हैं। इन सभी ने अटूट सहयोग प्रदान किया है, जो कि यह उपलब्धि हासिल करने में महत्वपूर्ण रहा है।‘’
टाटा मोटर्स ने हमेशा लोगों और समुदायों की सामाजिक उन्नति पर भरोसा किया है। साणंद के संयंत्र ने साणंद, बावला और विरमगाम के भीतर और आस-पास 68 से अधिक गांवों को गोद लिया है। इस संयंत्र ने साणंद में अपनी सीएसआर गतिविधियों की शुरूआत कुछ महत्वपूर्ण पहलों से की थी। इनमें शौचालय बनाना, महिलाओं की रोजगार-योग्यता बढ़ाने के लिये उनका कौशल विकास और बालिकाओं का स्वास्थ्य एवं शिक्षा शामिल हैं। पिछले 13 वर्षों में टाटा मोटर्स की सीएसआर गतिविधियों ने साणंद के भीतर और आस-पास 3 लाख से ज्यादा लोगों तक पहुँच बनाई है।