उत्तर प्रदेशराजनीति

कौशाम्बी… राजा भैया की चाहत ने बढ़ाई भाजपाइयों की धड़कनें

कौशाम्बी… राजा भैया की चाहत ने बढ़ाई भाजपाइयों की धड़कनें

विशाल समाचार टीम यूपी

प्रतापगढ़: कौशाम्बी संसदीय सीट पर अभी तक किसी प्रत्याशी की घोषणा न होने से सस्पेंस बना हुआ है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया वहां से अपनी पार्टी के नेता शैलेंद्र कुमार को लड़ाना चाहते हैं, जिसके लिए भाजपा से समर्थन चाह रहे हैं। दो बार से भाजपा के विनोद सोनकर इसी सीट से सांसद बने है इसलिए भाजपा भी असमंजस में है।

हाल ही में राजा भैया ने राज्यसभा चुनाव में खुलकर भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में मतदान किया था। इसके बाद से चर्चा गर्म हो गई थी कि कौशाम्बी लोकसभा सीट राजा भैया की रजामंदी से तय होगी। अब देखना यह कि भाजपा किस तरह एहसान चुकाती है।

गौतम बुद्ध की नगरी कौशाम्बी उत्तर प्रदेश की टॉप-5 अनुसूचित बाहुल्य लोकसभा सीट में शामिल है। कौशाम्बी संसदीय सीट से चुनाव मैदान में कूदने वाले प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करने में कुंडा और बाबागंज के मतदाताओं की अहम भूमिका होती है। वर्ष 2009 में कौशाम्बी सीट से सपा प्रत्याशी के रूप में शैलेंद्र कुमार ने जीत हासिल की थी और राजा भैया के गढ़ कुंडा विधानसभा क्षेत्र में अच्छे खासे वोट पाए थे।वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा ने पूर्व सपा सांसद और अब जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के नेता शैलेंद्र कुमार को प्रत्याशी बनाने के लग रहे कयास

लोकसभा चुनाव 2019 विनोद सोनकर (भाजपा),इंद्रजीत सरोज सपा (बसपा से गठबंधन)

• शैलेन्द्र कुमार (जेडीएल)मिले मत,383009

पूर्व मंत्री कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह।

विनोद सोनकर को मैदान में उतारा। सपा ने शैलेंद्र को फिर प्रत्याशी बनाया। कुंडा व बाबागंज में उन्होंने खासी बढ़त ली। कुल 288824 मत प्राप्त किए लेकिन 42900 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। विनोद सोनकर सांसद चुने गए।

वर्ष 2019 के चुनाव में राजा भैया ने अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से शैलेंद्र को प्रत्याशी बनाया। सपा (बसपा से गठबंधन) ने पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज तो भाजपा ने विनोद सोनकर पर ही भरोसा जताते हुए टिकट दिया। विनोद फिर चुने गए।

प्रतिशत 39.28 प्रतिशत मत,344287,35.31 प्रतिशत,

156406,16.04 प्रतिशत,कभी चायल संसदीय क्षेत्र के नाम से थी पहचान: वर्ष 2009 से पहले यह

संसदीय क्षेत्र चावल लोकसभा सीट के नाम से जाना जाता था। चायल संसदीय क्षेत्र में कौशाम्बी के तीन विस क्षेत्रों के अलावा प्रयागराज शहर पश्चिमी और फतेहपुर जनपद की खागा विधानसभा सीट शामिल थी। वर्ष 2009 में इसे संसदीय क्षेत्र कौशाम्बी का दर्जा मिला। शहर पश्चिमी और फतेहपुर के खागा को हटाकर प्रतापगढ़ जिले के कुंडा और बाबागंज विधानसभा क्षेत्र को शामिल कर दिया गया। अब कौशाम्बी संसदीय सीट में सिराथू, मंझनपुर, चायल, कुंडा और बाबागंज विधानसभा सीटें शामिल हैं।

दूसरे स्थान पर सपा प्रत्याशी तो तीसरे स्थान पर शैलेंद्र कुमार रहे। लेकिन उन्हें करीब डेढ़ लाख मत प्राप्त हुए थे। राज्यसभा के चुनाव में भाजपा के

समर्थन करने से कुंडा विधायक राजा भैया का कद भाजपा की नजर में बढ़ गया। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राजा भैया के चलते भाजपा नेतृत्व अपना प्रत्याशी बदल भी सकता है। सबकी नजरें अब भाजपा हाईकमान के फैसले पर टिकी है।

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