दुनियाभर में कई ऐसे रीति-रिवाज है, जिनके बारे में जानने के बाद हर कोई हक्का-बक्का रह जाता है. भारत भी उन देशों में आता हैं, जहां संस्कृति और परंपराओं का अनुपालन वर्षों से किया जाता रहा है. आज भी कई जगहों पर पुरानी परंपराओं की मान्यताओं का माना जाता है.
नई दिल्ली : दुनियाभर में कई ऐसे रीति-रिवाज है, जिनके बारे में जानने के बाद हर कोई हक्का-बक्का रह जाता है. भारत भी उन देशों में आता हैं, जहां संस्कृति और परंपराओं का अनुपालन वर्षों से किया जाता रहा है. आज भी कई जगहों पर पुरानी परंपराओं की मान्यताओं का माना जाता है. आज हम आपको ऐसी परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां एक अनोखी प्रथा को मानते चले आ रहे हैं.
सदियों से चली आ रही है परंपरा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मणिकर्ण घाटी में पीणी गांव में एक ऐसी प्रथा चली आ रही है; जिसमें एक गांव में पांच दिनों तक पत्नी बिना कपड़ों के रहती है. इन 5 दिनों में पति पत्नी एक-दूसरे से बात और मजाक तक नहीं करते है. इस दौरान गांव का कोई भी पुरुष शराब तक नहीं पीता है. सदियों से चली आ रही इस प्रथा को आज भी लोग मानते है.
आखिर क्यों मनाई जाती है ये परंपरा?
सावन के महीने के पांच दिनों में पति-पत्नी को एक-दूसरे से दूर रहना होता है और तबाही की वजह से इसे अलग तरह से जोड़कर देखा जाता है. कहा जाता है कि इस दौरान यहां की महिलाएं कपड़े नहीं पहनती लेकिन इसके बजाए ऊन से बने पहाड़ी कपड़ा; जिसे पट्टू कहा जाता है, पहनती हैं. रिपोर्ट्स और मान्यताओं की माने तो इस परंपरा के पीछे भी एक कहानी है.