लू से बचने को क्या करें,एक्सपर्ट ने बताये उपाय।
विशाल समाचार संवाददाता इटावा : अपर अधिकारी (दैवीय आपदा) ने बताया कि जिले में होली के बाद लगातार तापमान में वृद्धि हो रही है। अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। पारा चढ़ने से लोगों को गर्मी का अहसास होने लगा है। लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। राहगीरों की हलक सूख जा रही है। अभी पूरा अप्रैल, मई और जून माह बाकी है। हिट वेब की आशंका पर प्रशासन चौकन्ना हो गया है। प्रशासन की ओर से सम्बंधित विभागों को पूर्व में ही दिशानिर्देश दिए गए हैं। आपदा विशेषज्ञ अवनीश दुबे ने बताया कि हीट वेव को लेकर प्रशासन की ओर से एडवाइजरी जारी की गई, गर्मियां शुरू हो गई है, ऐसे में अगर जरा सी भी लापरवाही हुई तो हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है, इस बीच चुनाव आयोग ने भी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले हीट वेव एडवाइजरी जारी की है. यह एडवाइजरी तब आई है जब भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की तरफ से कहा गया कि देश में इस साल गर्मी की शुरुआत बेहद गर्म हो सकती है। लखनऊ मौसम केंद्र के मुताबिक इस साल गर्मी अपने पिछले कुछ सालों का रिकॉर्ड तोड़ने वाली है. इस बार गर्मी अधिक पड़ेगी, अधिकतम और न्यूनतम तापमान जितना सामान्य माना जाता है उससे अधिक होगा। तापमान में लगातार वृद्धि और पर्यावरणीय परिवर्तनों के कारण पिछले कुछ वर्षों से बहुत अधिक गर्मी और उमस भरी गर्मी पड़ रही है। आने वाले वर्षों में यह वृद्धि और बदतर होती जा रही है। हमारे शरीर में पसीने के रूप में गर्मी को बहाकर तापमान बनाए रखने की क्षमता होती है। हालांकि, अत्यधिक गर्मी और आर्द्रता इस अनुकूलन को प्रभावित करती है जिसमे हीट स्ट्रोक होता है। पहले से मौजूद कुछ स्थितियों जैसे उच्च रक्तचाप, हृदय विफलता, मोटापा, मधुमेह और गुर्दे की बीमारी हीट स्ट्रोक के उच्च जोखिम का कारण बन सकती हैं। बच्चे और वृद्ध लोग इससे अधिक प्रभावित होते हैं। ऐसे मामलों में, शरीर के तापमान को ठंडा करने के लिए सोडियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स के साथ पर्याप्त जलयोजन और उचित एयर कंडीशनिंग की सलाह दी जाती है। गंभीर होने में पहले मामूली भक्षणों पर नजर रखनी होगी। चेतना की हानि, सीने में दर्द, पेशाब में कमी और गंभीर मकान के मामले में तत्काल अस्पताल में भतीं होने की सलाह दी जाती है। हीट स्ट्रोक का क्या है, आपदा विशेषज्ञ ने बताया कि हीट स्ट्रोक का सबसे पहला लक्षण है। पसीना आना बंद हो जाना यानी बॉडी का रेगुलेटर खराब हो जाना, इस दौरान शरीर थका- थका रहेगा और शरीर में ताकत बिल्कुल नहीं रहेगी एवं सिर दर्द और मांसपेशियों में तनाव की स्थिति भी बन सकती है, इसके साथ ही प्यास अधिक लगेगी और गला सुखने लगेगा, आंखों के आगे अंधेरा भी आ सकता है और चक्कर भी आ सकते हैं, इसके अलावा लो ब्लड प्रेशर की स्थिति बन सकती है अगर तबीयत ज्यादा खराब महसूस हो तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें.
हीट वेव (लू) अलर्ट
भीषण गर्मी को लेकर प्राधिकरण ने जारी की गाइडलाइन
लू प्रकोप एवं गर्म हवा
लू से जन-हानि भी हो सकती है। इसके असर को कम करने के लिए और लू से होने वाली मौत की रोकथाम के लिए निम्न सावधानियों बरतें:-जैसे-
कड़ी धूप में बाहर न निकलें, खासकर दोपहर 12:00 बजे से 3:00 बजे तक के बीच में।,जितनी बार हो सके पानी पियें, प्यास न लगे तो भी पानी पियें।,हल्के रंग के ढीले ढाले सूती कपड़े पहनें। धूप से बचने के लिए गमछाए टोपीए छाता, धूप का चश्मा, जूते और चप्पल का इस्तेमाल करें।,यात्रा करते समय अपने साथ पानी रखें।,अगर आपका काम बाहर का है तो, टोपी, गमछा या छाते का इस्तेमाल जरूर करें और गीले कपड़े को अपने चेहरे, सिर और गर्दन पर रखें।,अगर आपकी तबियत ठीक न लगे या चक्कर आए तो तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें।,घर में बना पेय पदार्थ जैसे कि लस्सी, नमक चीनी का घोल, नींबू पानी, छांछ, आम का पना इत्यादि का सेवन करें।,जानवरों को छांव में रखें और उन्हे खूब पानी पीने को दें।,अपने घर को ठंडा रखें, पर्देए शटर आदि का इस्तेमाल करें। रात में खिड़कियों खुली रखें।, शराब, चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थों का इस्तेमाल न करें।
क्या करें क्या न करें-
– धूप में खड़े वाहनों में बच्चों एवं पालतू जानवरों को न छोड़ें।,खाना बनाते समय कमरे के खिड़की एवं दरवाजे खुले रखें जिससे हवा का आना जाना बना रहे।,नशीले पदार्थ, शराब तथा अल्कोहल के सेवन से बचें।,उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचें। बासी भोजन न करें।,खिड़की को रिफ्लेक्टर से एल्युमीनियम पन्नी, गत्ते इत्यादि से ढक कर रखें, ताकि बाहर की गर्मी को अन्दर आने से रोका जा सके ।, उन खिड़कियों व दरवाजों पर जिनसे दोपहर के समय गर्म हवाएँ आती है, काले पर्दे लगाकर रखना चाहिए।, स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान को सुनें और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहें।,आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें।, बच्चों व पालतू जानवरों को कभी भी बंद वाहन में अकेला न छोड़ें।, जहाँ तक संभव हो घर में ही रहें तथा सूर्य के सम्पर्क से बचें।, सूर्य के ताप से बचने के लिए जहाँ तक संभव हो घर की निचली मंजिल पर रहें। ,संतुलित, हल्का व नियमित भोजन करें।,घर से बाहर अपने शरीर व सिर को कपड़े या टोपी से ढक कर रखें।