सीतामढ़ी जिला में आत्मा योजना के माध्यम से प्रत्येक प्रखंड में सोना मोती गेंहू को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक-एक किसान पाठशाला के माध्यम से डेमो कराया गया
विशाल समाचार संवाददाता सीतामढ़ी: सोना मोती गेहूं प्राकृतिक रूप से पोषण और स्वास्थ्य के लिए उपयोगी। प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिजों का अच्छा स्रोत–जिला कृषि पदाधिकारी
पारंपरिक गेहूं सोना मोती में ग्लूटेन और ग्लाइसेमिक सूचकांक कम होने के कारण यह डायबिटीज और हृदय की पीड़ितों के लिए काफी लाभकारी:जिला कृषि पदाधिकारी
कृषि क्षेत्र में समय के साथ काफी प्रगति हुई है. इस कड़ी में अच्छे उत्पादन वाले बीज बाजार में उपलब्ध हैं. जहां किसान कम जगह में अधिक उत्पादन ले रहे हैं। इसी क्रम में कृषि विभाग द्वारा गेहूं की पारंपरिक किस्मों के संरक्षण और बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य के सभी जिलों में सोना मोती, वंशी और टिपुआ किस्म के गेहूं की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी कड़ी में सीतामढ़ी जिला में आत्मा योजना के माध्यम से प्रत्येक प्रखंड में सोना मोती को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक-एक किसान पाठशाला के माध्यम से डेमो कराया गया. वहीं फसल जांच कटनी में काफी उत्साहवर्धक परिणाम मिला है. जहां सीतामढ़ी जिला के बथनाहा प्रखंड अंतर्गत ग्राम सोनमा में 29 क्विंटल से लेकर 34 क्विंटल तक प्रति हेक्टेयर उत्पादन प्राप्त हुआ है.
सोना मोती गेंहू का दाना सुडौल और चमकीला होने की वजह से मोती के दानों जैसा दिखता है. इस गेहूं में रोग लगने का खतरा कम होता है. यह प्राकृतिक रूप से पोषण और स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है. वहीं प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिजों का अच्छा स्रोत है. साथ ही पारंपरिक किस्में जलवायु परिवर्तनों के प्रति सहनशील होती हैं. इन किस्मों के उत्पादन में किसान को कम खर्च और कम मेहनत की जरूरत होती है।
DAO ने बताया कि सोना मोती गेहूं डायबिटीज के मरीजों के लाभदायक है। पारंपरिक गेहूं सोना मोती में ग्लूटेन और ग्लाइसीमिक सूचकांक कम होने के कारण यह डायबिटीज और ह्रदय के पीड़ितों के लिए काफी लाभकारी है। साथ ही इसमें अन्य अनाजों की तुलना में कई गुणा ज्यादा फोलिक एसिड की मात्रा है, जो ब्लड प्रेशर और हृदय रोगियों के लिए रामबाण है।उन्होंने बताया कि इसके साथ ही सोना मोती गेहूं की बाजार में काफी मांग बढ़ रही है. इसकी बाजार में कीमत 50 रुपये से लेकर 100 रुपये प्रति किलो तक है।