राजा भैया की खामोशी, सियासी दलों पर अबकी पड़ सकती है भारी
कौशाम्बी लोकसभा के चुनावी जंग में जनसत्ता दल प्रत्याशी उतारने की तैयारी में
कुंडा यूपी विशाल समाचार संवाददाता: लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद कौशांबी लोकसभा सीट को लेकर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक व भाजपा के बीच गठबंधन की अटकलों पर उस समय विराम लग गया, जब काफी जद्दोजहद के बाद भाजपा ने विनोद सोनकर को प्रत्याशी घोषित कर दिया।
भले ही अभी जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कुंडा विधायक खामोश हैं, लेकिन भीतर ही भीतर लोकसभा चुनाव में सियासी दलों की रणनीति पर पानी फेरने की तैयारी भी चल रही है।
कौशाम्बी लोकसभा का चुनाव 20 मई को होना है। कुछ ही दिनों में नामांकन प्रक्रिया भी प्रारंभ होने वाली है। अभी तक सपा ने पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज के बेटे पुष्पेंद्र
सरोज को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा ने तीसरी बार विनोद सरोज पर भरोसा जताया है।
कुंडा व बाबागंज विधानसभा क्षेत्र में राजा भैया समर्थकों व सांसद विनोद सोनकर के बीच तनातनी जगजाहिर है। सियासी
जानकारों के अनुसार राज्यसभा चुनाव में राजा भैया ने खुलकर भाजपा का समर्थन किया।
इतना ही नहीं उन्होंने सपा के कई विधायकों को भाजपा के पक्ष में मतदान के लिए बातचीत भी की। जिसके बाद अटकलें तेज हो गई थी कि जनसत्ता दल लोकतांत्रिक व भाजपा के बीच कौशाम्बी सीट को लेकर समझौता हो सकता है।
भाजपा की ओर से टिकट की घोषणा भी प्रतापगढ़ सीट के बाद भी नहीं की गई। इससे अटकलों को बल मिलता रहा। हालांकि भाजपा ने सारी अटकलों पर विराम लगाते हुए विनोद सोनकर को प्रत्याशी घोषित कर दिया। हालांकि इसके बाद राजा भैया पूरी तरह खामोश है। जो कौशाम्बी लोकसभा क्षेत्र में सियासी दलों के लिए परेशानी का सबब बन
सकती है।
सूत्रों के अनुसार कुंडा व बाबागंज विधानसभा में भीतर ही भीतर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के कार्यकर्ता चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।
नामांकन के दौरान ही राजा भैया की खामोशी टूटने की उम्मीद है। संभावना जताई जा रही है कि लोकसभा चुनाव में जनसत्ता दल छोटे दलों से बातचीत के बाद अपना प्रत्याशी उतारे।
जनसत्ता दल के मीडिया प्रभारी मुक्कू ओझा ने बताया कि चुनाव की तैयारी कार्यकर्ता हमेशा की तरह कर रहे हैं। सिर्फ अपने नेता के पत्ता खोलते ही वे चुनावी जंग के मैदान में उतर पड़ेंगे। सौदेबाजी करने वालों को करारा जवाब जिले की जनता देने को तैयार है।