शिक्षा जगत औद्योगिक क्षेत्र की मांग को मद्देनजर रखे
एआईसीटीई के अध्यक्ष डॉ. टी.जी.सीताराम के विचार
नैक और एआईसीटीई के अध्यक्षों के हाथों अलार्ड यूनिवर्सिटी के लोगो का अनावरण
पुणे, : आज के परिवेश में औद्योगिक क्षेत्र की मांग को शिक्षा जगत मद्देनजर रखते हुए कार्य करे. ऐसे में देश की पहली अलार्ड यूनिवर्सिटी जो ८० प्रतिशत प्रैक्टिकल लर्निंग के साथ शिक्षा क्षेत्र में उतर रही है. ऐसे सराहनीय विचार एआईसीटीई के अध्यक्ष डॉ. टी.जी.सीताराम ने रखे.
सेंटर फॉर एजूकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च सीजीआर संस्था की ओर से दिल्ली में आयोजित ‘थर्ड समिट ऑन विजन २०४७ इन एज्युकेशन’ इस परिषद में अलार्ड यूनिवर्सिटी के लोगो का अनावरण एआईसीटीई के अध्यक्ष डॉ. टी.जी.सीताराम, नैक के अध्यक्ष प्रो.अनिल सहस्त्रबुद्धे और अलार्ड यूनिवर्सिटी के संस्थापक एवं कुलाधिपति डॉ. एल.आर.यादव के हाथो हुआ. इस वक्त वे बोल रहे थे.
आगे उन्होंने कहा कि, यह पहली यूनिवर्सिटी है जो छात्रों को ७० फीसदी प्रैक्टिकल और ३० फीसदी सैद्धांतिक ज्ञान देगी. शिक्षा क्षेत्र में एक सराहनीय कदम उठाना बडी बात है. जिसका लाभ छात्रों को रोजगार उपलब्ध कराने में निश्चित रूप में मिलेगा. इसके अलावा स्टार्टअप में रूचि रखने वाले भी अपना भविष्य बना सकते है.
एनबीए और नैक के चेयरमैन प्रो.अनिल सहस्त्रबुद्धे ने इस कदम की सराहना करते हुए सफलता की कामना की.
डॉ. एल.आर. यादव ने कहा की, नया दृष्टिकोण, नेतृत्व, सतर्कता, परिश्रम और समर्पण इन पांच स्तंभों के आधार पर अलार्ड यूनिवर्सिटी अब अकादमिक उत्कृष्टता को बढावा देगी. यहां पर ७० फीसदी प्रैक्टिकल और ३० फीसदी थेअरी पढ़ाई होगी. साथ ही छात्रों को १०० फीसदी इंटर्नशिप की गारंटी देगा.
भारतीय संस्कृति में गुरू शिष्य परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है और इसी परंपरा को आगे बढाने का काम विश्वविद्यालय में निरंतर चल रहा है. ऐसे में ‘हम अलग है, हम अलार्ड है’ इस सोच के साथ शिक्षा जगत में नई क्रांती की शुरूआत करनेवाले अलार्ड यूनिवर्सिटी के नए लोगो का अनावरण हाल ही में हुआ है.