CBI को राज्यों में जांच करने का आदेश कौन देता है?’ तुषार मेहता से सुप्रीम कोर्ट का सीधा सवाल, SG का सपाट जवाब
SG Tushar Mehta in Supreme Court: पश्चिम बंगाल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में संविधान के अनुच्छेद 131 के अधीन याचिका दायर की गई है. कानूनी विवाद के केंद्र में CBI जांच का तौर तरीका है.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में अक्सर ऐसे मामले आते रहते हैं, जिनका काफी दूरगामी असर पड़ता है. संविधान के प्रावधानों से जुड़े गंभीर सवाल की गुत्थी सुलझाने को लेकर भी विवाद आते रहते हैं. सुप्रीम कोर्ट ऐसे ही एक मामले पर सुनवाई कर रहा है. यह मामला केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा राज्यों के अधिकारक्षेत्र के कथित उल्लंघन से जुड़ा है. केंद्र, केंद्रीय जांच एजेंसियां और राज्यों से जुड़े इस गंभीर मामले पर सुनवाई के दौरान सेंटर की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे. सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने तुषार मेहता से गंभीर सवाल पूछ लिया. मामले की सुनवाई कर रही बेंच ने SG तुषार मेहता से पूछा कि केंद्रीय जांच एजेंसी CBI को अन्य राज्य में जाकर जांच करने का आदेश देने के लिए कौन अधिकृत है?
दरअसल, केंद्र ने पहले दावा किया था कि उसका CBI पर कोई नियंत्रण नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने इस दावे को स्वीकार नहीं किया और पूछा कि यदि केंद्र का सीबीआई पर नियंत्रण नहीं है तो फिर प्रीमियर जांच एजेंसी को छानबीन के लिए दूसरे राज्यों में कौन भेजता है? जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने एक बार फिर से यह बात सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछी. पीठ ने कहा, ‘CBI को दूसरे राज्य में जाकर जांच शुरू करने का निर्देश देने वाली अथॉरिटी कौन है?’ एसजी तुषार मेहता ने स्पष्ट और सीधा जवाब दिया. तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार अथॉरिटी है.
अनुच्छेद 131 के तहत सुप्रीम कोर्ट में याचिका
पश्चिम बंगाल ने सुप्रीम कोर्ट में संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत याचिका दायर की है. इस अनुच्छेद के तहत सुप्रीम कोर्ट को केंद्र बनाम राज्य या फिर केंद्र बनाम एक से ज्यादा राज्य या फिर राज्य बनाम राज्य से जुड़े मसलों पर विचार करने और उसपर निर्देश देने का अधिकार प्राप्त है. पश्चिम बंगाल ने केंद्र सरकार पर उसके अधिकार क्षेत्र में आने वाले मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है. पश्चिम बंगाल का कहना है कि सीबीआई को एकतरफा तरीके से मामले की जांच करने के आदेश दिए जा रहे हैं. राज्य की ओर से दिल्ली पुलिस कानून के प्रावधानों का हवाला देते हुए बताया गया कि राज्य सरकार ने अपनी अनुमति वापस ले ली इसके बावजूद केंद्र ने सीबीआई को प्रदेश में तैनात करना बंद नहीं किया.
तुषार मेहता बोले- खारिज हो याचिका
सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पश्चिम बंगाल की याचिका कोर्ट में पोषणीय नहीं है, लिहाजा इसे खारिज कर दिया जाए. उन्होंने दलील दी कि इस मामले में गलत तरीके से केंद्र को डिफेंडेंट बनाया गया है. तुषार मेहता ने मामले की सुनवाई कर रही पीठ के समक्ष दलील देते हुए कहा कि याची सीबीआई को ‘संघ का पुलिसबल’ बताया है जो गलत है. सीबीआई कहां और कैसे जांच करे, इसमें केंद्र की कोई भूमिका नहीं होती है.