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वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने कोरोना काल में उपजे तमाम संकटों पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। अपने सोशल मीडिया अकाउंट से रवीश कुमार ने एक पोस्ट लिखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि कोई भी सरकार इतनी बेरहम कैसे हो सकती है। रवीश कुमार का यह पोस्ट वायरल हो रहा है। लोगों की इसपर मिली जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
दरअसल देश में कोरोना महामारी का विकराल रूप रोजाना और बड़ा आकार लेता जा रहा है। देश में रोजाना 4 लाख से ज्यादा लोग इस जानलेवा वायरस से संक्रमित हो रहे हैं तो वहीं हजारों की संख्या में लोग अपनी जान गंवा भी रहे हैं। तमाम मीडिया रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले दिनों में ये महामारी और तेजी से लोगों को अपनी चपेट में लेगी।
कोरोना से उपजे हालातों पर रवीश कुमार ने लिखा है कि सेंटर फ़ॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी के ताज़ा सर्वे में यह बात निकल कर आई है कि सिर्फ अप्रैल माह में नियमित सैलरी पाने वाले 34 लाख लोगों की नौकरी चली गई है। 34 लाख लोगों पर क्या बीत रही होगी हम नहीं जानते।
ऐसे लोग जिनकी नौकरी गई है उनके यहाँ बीमारी ने दस्तक दी होगी तो कितने टूट गए होंगे। इलाज का ख़र्च उठाने का आत्मविश्वास चला गया होगा। न तो इनके खाते में मदद की कोई राशि दी जाती है और न ही बैंकों के लोन में कोई माफ़ी
क्या सरकार ने इसे मान लिया है कि लोगों को कुछ नहीं चाहिए। व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी का प्रोपेगैंडा ही उनका जीवन है? इतनी बेरहम कोई सरकार कैसे हो सकती है? अफ़सोसनाक है। मझोले और छोटे बिजनेसमैन के सामने भी अस्तित्व का संकट आ गया है। अप्रैल में 73 लाख नौकरियां चली गई हैं।
रवीश कुमार के इस पोस्ट पर ज्यादातर लोग उनसे सहमति जताते हुए सरकार पर निशाना साध रहे हैं। लोग अपनी समस्याएं बताते हुए लिख रहे हैं कि ऐसे ही चलता रहा तो कोरोना से बचकर भुखमरी से मर जाएंगे। कुछ लोग रवीश कुमार को सरकार पर निशाना साधने के लिए ट्रोल बी कर रहे हैं।