पूणे

पंचशील तत्व और पसायदान विश्व को शांति की राह दिखाएंगे

पंचशील तत्व और पसायदान विश्व को शांति की राह दिखाएंगे

वरिष्ठ लेखक आचार्य रतनलाल सोनग्रा के विचार ः एमआईटी डब्ल्यूपीयू में बुद्ध पूर्णिमा मनाई

 

पुणे: भगवान गौतम बुद्ध का पंचशील तत्व और संत श्री ज्ञानेश्वर माऊली का पसायदान पूरे विश्व को शांति का मार्ग दिखा सकता है. उन्होंने ज्ञान का स्वरूप पूरी दुनिया के सामने रखा. आज पूरा विश्व उनके ज्ञान के दिव्य प्रकाश में शांति तलाश रहा है. यह बात वरिष्ठ साहित्यकार आचार्य रतनलाल सोनग्रा ने रखे.

एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी की ओर से तथागत भगवान गौतम बुद्ध पूर्णिमा मनाई गई. इस अवसर पर एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के कार्यकारी अध्यक्ष राहुल विश्वनाथ कराड, कुलपति डॉ. मिलिंद पांडे, डॉ. संजय कामतेकर, नागपूर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ.एस.एन.पठाण, डॉ. संजय उपाध्ये, डब्ल्यूपीयू के कुलसचिव गणेश पोकले, विश्वविद्यालय के डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर अध्यासन के प्रमुख प्रो.विनोद कुमार जाधव, प्रा.दत्ता दांडगे और प्रो. विक्रांत गायकवाड उपस्थित थे.

आचार्य रतनलाला सोनग्रा ने कहा, बुद्ध ने सार्वभौमिकता, मानव कल्याण और जाति की दीवारों को पार कर संपूर्ण मानव जाति को एकजुट करने का महान कार्य किया है. आज पूरे विश्व को शांति की आवश्यकता है. मनुष्य भविष्य और अतीत के बारे में सोचता है, लेकिन बुद्ध ने वर्तमान में खुशी का सिद्धांत रखा है.

राहुल विश्वनाथ कराड ने कहा, बौद्ध धर्म का पालन करने का मतलब शांति, एकता और अहिंसा है. विश्व को सत्य, शांति और मानवता का संदेश देने वाले तथागत भगवान गौतम बुद्ध के सिद्धांत मानव जीवन के लिए सही दिशा हैं. बुद्ध ने दुनिया को शांति का संदेश दिया और अहिंसा और दया की शिक्षा दी. बुद्ध के विचार ही जीवन को प्रेरणा देते है.

डॉ. संजय उपाध्ये ने कहा, मौनम, सर्वोत्तम साधनम कहा जाता है, उसका सभी को पालन करना चाहिए. आज के मनुष्य को बुद्धि से जीना चाहिए लेकिन वह प्रक्रिया से जीता है. इंसान, सांसे, विश्वास और आत्मविश्वास पर जिंदा रहता है.धरती को समृद्ध बनाने के लिए बुद्ध के विचारों को क्रियान्वित करना चाहिए.

डॉ. एस.एन.पठाण ने कहा कि भगवान गौतम बुद्ध को शांति के दूत के रूप में जाना जाता है और उन्होंने ही दुनिया को शांति के सिद्धांत से परिचित कराया. डॉ. मिलिंद पात्रे ने भगवान गौतम बुद्ध के विचारों को प्रस्तुत किया और उनसे सीख लेने को कहा.

प्रो.विनोद जाधव ने सूत्रसंचालन किया.

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