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कलि कलुष नाशिनी हैं श्रीमद्भागवत कथा : अनूप महाराज

कलि कलुष नाशिनी हैं श्रीमद्भागवत कथा : अनूप महाराज

 

फर्रूखाबाद: जिला फर्रूखाबाद के फतेहगढ़ के तिर्वा कोठी विश्रात आश्रम शिव मंदिर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तृतीय दिवस में असलापुर धाम से पधारें सुप्रसिद्ध कथावाचक परम पूज्य अनूप ठाकुर जी महाराज ने कहा कि भागवत पुराण कोई साधारण नहीं है, बल्कि साक्षात भगवान का स्वरूप है। मुक्ति चाहने वाले व्यक्ति को निश्चित ही श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए एवं दूसरों को इस कथा को सुनने के लिए प्रेरित करना चाहिए और किसी भी परिस्थिति में हमें अपने धर्म मार्ग से पीछे नहीं हटना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर आप धर्म मार्ग पर हैं तो परमात्मा निश्चित ही आप पर कृपा करेंगे और आपका कल्याण होगा।

इसी के साथ ज्येष्ठ के मंगलवार के शुभ अवसर पर अनूप महाराज ने सुंदरकांड की कथा को नये तरीके से विस्तार पूर्वक सुनाया कहा कि एक दूसरे की मदद से हर कार्य संभव है लंका में विभीषण की मदद से सफल हुए हनुमान! इसके बाद में अजामिल की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि मनुष्य ज्ञान होते हुए भी अपने मार्ग से भटक सकता है। जिस प्रकार से अजामिल बहुत बड़ा विद्वान और ब्राह्मण होते हुए भी अपने मार्ग से भटक गया और वेश्याओं का साथ किया। लेकिन भगवान का नाम स्मरण करने से उसका उद्धार हुआ। उन्होंने प्रहलाद चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए अपने भक्तों का मान रखने के लिए भक्तों की बात को सत्य करने के लिए कहीं से भी प्रकट हो जाते हैं जहां सच्चा प्रेम वहीं प्रभु का वास होता है। इसलिए नरसिंह भगवान खंभे में से प्रकट हुए और प्रहलाद को आशीर्वाद देते हुए हिरण्यकश्यप को सद्गति प्रदान की! इस मौके पर परिक्षित रामवीर सिंह सपत्नीक, रक्षपाल सिंह, उदयवीर सिंह, ओमवीर सिंह, श्यामवीर सिंह, सुरेन्द्र कुमार सिंह,अमर चैतन्य बाबा जी, प्रवीण दास, संजीव राठौर, प्रदीप सिंह यादव, आदि बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहें!

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