कल 01 जुलाई 2024 से नए कानूनों के तहत कार्रवाई हेतु इटावा पुलिस पूरी तरह से तैयार ।
एसएसपी इटावा के निर्देशन मे नये कानूनों के संबंध मे इटावा पुलिस द्वारा पुलिसकर्मियो को दिया जा चुका है प्रशिक्षण ।
प्रशिक्षण के उपरान्त पुलिसकर्मियों की करायी गयी परीक्षा ।सभी थानों में नागरिकों को नये कानूनों के बारे में जानकारी हेतु जागरुकता कार्यक्रम का किया जाएगा आयोजन ।
इटावा विशाल समाचार संवाददाता: सोमवार 01 जुलाई 2024 से लागू होने वाले नये कानून भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के संबंध मे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इटावा के निर्देशन मे समस्त पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को समय समय पर कार्यशाला आय़ोजित कर प्रशिक्षण दिया गया ।
प्रशिक्षण के उपरान्त आज दिनांक 30.06.2024 को पुलिस लाइन इटावा स्थित पुलिस मॉर्डन स्कूल इटावा मे परीक्षा करायी गयी जिसमे 750 से अधिक पुलिसकर्मियों ने भाग लिया ।उल्लेखनीय है कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम एक जुलाई से लागू होंगे जो भारतीय अपराध संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे। भारतीय दंड संहिता में जहां 511 धाराएं थी वहीं अब भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं हैं। इनको 20 अध्यायों में विभाजित किया गया है, 33 अपराधों में सजा अवधि बढ़ाई है, 83 अपराधों में जुर्माने की राशि बढ़ाई है व 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान किया है। भारतीय न्याय संहिता के माध्यम से सजा के एक नए तरीके के तौर पर सामुदायिक सेवा को जोड़ा गया है व छह अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान रखा गया है। आतंकवाद को एक अपराध के तौर पर शामिल किया है। राजद्रोह के स्थान पर भारत की संप्रभुता, अखंडता, एकता को खतरे में डालना को शामिल किया है। किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा हिंसा की धमकी, हिंसा का उपयोग या किसी अन्य गैर-कानूनी तरीके से अपराध करने को संगठित अपराध करने की श्रेणी में लिया गया है, जिसके लिए भारतीय न्याय संहिता की धारा 111 में सजा का प्रावधान है। आर्थिक अपराधों को भी इस श्रेणी में शामिल किया गया है।
किसी अपराध को करने के लिए बच्चों को काम में लगाना को भारतीय न्याय संहिता की धारा 95 के अंतर्गत अपराध माना जाएगा। भारत में अपराध के लिए भारत के बाहर किसी को बहकाना या उकसाना को भारतीय न्याय संहिता की धारा 48 के अंतर्गत अपराध माना जाएगा। किसी महिला की निजी तस्वीरें बिना महिला की इजाजत के खींचना/देखना भारतीय न्याय संहिता द्वारा 77 के अंतर्गत, किसी महिला का पीछा करना भारतीय न्याय संहिता की धारा 78 के अंतर्गत अपराध माना जाएगा। बलपूर्वक व हिंसा करते हुए दंगे करना भारतीय न्याय संहिता की धारा 191 के अंतर्गत अपराध माना जाएगा ।
सीआरपीसी में 484 धाराएं थी वहीं अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धाराएं हैं, पूर्व में प्रथम सूचना रिपोर्ट सीआरपीसी की धारा 154 के तहत अंकित की जाती थी जो अब एक जुलाई 2024 से बीएनएसएस की धारा 173 के तहत अंकित की जाएगी।
नए आपराधिक कानूनों की प्रमुख विशेषताओं को उजागर करने के लिए 01जुलाई 2024 को प्रत्येक थाने पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें संबंधित थानाध्यक्ष स्थानीय नागरिकों को आमंत्रित कर उन्हें नए आपराधिक कानूनों की प्रमुख विशेषताओं की जानकारी देंगे। इस दौरान थाने में आमंत्रित नागरिकों को महिला पुलिस अधिकारी विशेष रूप से महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित प्रमुख प्रावधानों से अवगत कराएंगी।