जिस मित्रता में भेदभाव नहीं वहीं सच्ची मित्रता : अनूप ठाकुर
विशाल समाचार फर्रूखाबाद:जिला फर्रुखाबाद के ग्राम भरखा में आयोजित संगीतमय श्रीमद भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के विश्राम दिवस पर असलापुर धाम से पधारें सुप्रसिद्ध कथावाचक परम पूज्य अनूप ठाकुर जी महाराज ने भगवान श्री कृष्ण-सुदामा का प्रसंग सुनाया। श्रद्धालुओं को कथा के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी मित्रता आज कहां है। द्वारपाल के मुख से पूछत दीनदयाल के धाम, बतावत आपन नाम सुदामा सुनते ही द्वारिकाधीश नंगे पांव मित्र की अगवानी करने राजमहल के द्वार पर पहुंच गए। यह सब देख वहां लोग यह समझ ही नहीं पाए कि आखिर सुदामा में ऐसा क्या है जो भगवान दौड़े दौड़े चले आए। बचपन के मित्र को गले लगाकर भगवान श्रीकृष्ण उन्हें राजमहल के अंदर ले गए और अपने सिंहासन पर बैठाकर स्वयं अपने हाथों से उनके पांव पखारे।
व्यास अनूप ठाकुर जी महाराज ने कहा कि सुदामा से भगवान ने मित्रता का धर्म निभाया और दुनिया के सामने यह संदेश दिया कि जिसके पास प्रेम धन है वह निर्धन नहीं हो सकता। राजा हो या रंक मित्रता में सभी समान हैं और इसमें कोई भेदभाव नहीं होता। कथावाचक ने सुदामा चरित्र का भावपूर्ण सरल शब्दों में वर्णन किया उपस्थित लोग भाव विभोर हो गए। इस मौके पर परिक्षित उमा पवन राठौर , अनिल कुमार सिंह राठौर, ममता राठौर, विपिन प्रताप सिंह राठौर, सुमन राठौर, राघवेन्द्र प्रताप सिंह, हेमा राठौर (छुट्टन), कृष्णपाल सिंह राठौर, रावेन्द्र सिंह राठौर, शैलेश सिंह, अंजू सिंह, सोनी राठौर, हर्षवर्धन सिंह प्रधान, रामौतार सिंह, मनोज भदौरिया, अवनीश सिंह, राहुल सिंह सोमवंशी, रामलखन सिंह, आशुतोष सिंह आशीष सिंह, रमन प्रताप सिंह, अभय प्रताप सिंह (सौरभ), रिंकू सिंह, रवि सिंह, कार्तिक सिंह, आदि बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहें