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मोटा अनाज के उत्पादन और विपणन से एफपीओ को मिलेगा लाभ

मोटा अनाज के उत्पादन और विपणन से एफपीओ को मिलेगा लाभ

 

विशाल समाचार संवाददाता रीवा :  कलेक्ट्रेट सभागार में जिले भर में पंजीकृत किसान उत्पादक संघों एफपीओ की बैठक आयोजित की गई। बैठक में नाबार्ड के जिला समन्वयक ने कहा कि एफपीओ का गठन खेती को संगठित करने के लिए किया गया है। एफपीओ से जुड़कर किसान अपनी खेती को बेहतर करें। वर्तमान में मोटा अनाज यानी श्री अन्न की अच्छी माँग है। रीवा जिले में कोदौ, कुटकी और मक्का के उत्पादन के लिए मिट्टी और मौसम अनुकूल है। कोदौ की प्रोसेसिंग के लिए रीवा में एक बड़ी इकाई स्थापित की जा रही है। जिले भर के कोदौ उत्पादक किसान इससे लाभ उठा सकते हैं। एफपीओ अनाजों के उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन तीनों पर ध्यान दें। शासन की विभिन्न योजनाओं से एफपीओ को सहयोग दिया जाएगा।

बैठक में संयुक्त कलेक्टर पीके पाण्डेय ने कहा कि एफपीओ किसानों को संगठित और जागरूक करें। जिले में प्राकृतिक खेती और कृषि विविधीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। मोटे अनाजों के क्षेत्र में धीरे-धीरे वृद्धि हो रही है। देश के हर बड़े डिपार्टमेंटल स्टोर में अब मोटे अनाजों की बिक्री हो रही है। जिले में भी कई किसान मोटे अनाजों की खेती और विपणन सफलतापूर्वक कर रहे हैं। शासन ने कोदौ के लिए 4250 रुपए प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य घोषित किया है। इसलिए कोदौ का उत्पादन लेने वाले किसानों को इसकी खेती से कोई घाटा नहीं होगा। बैठक में कृषि वैज्ञानिक डॉ आरपी जोशी ने कहा कि जिले के एफपीओ कोदौ और कुटकी की खेती को अपनाएं। रीवा में ही कोदौ की सबसे उन्नत किस्म जेके 137 का विकास किया गया है। इसे पूरे देश में बड़ी तेजी से अपनाया जा रहा है। इसकी फसल 120 दिन में तैयार हो जाती है। इसके दाने बड़े और अधिक उत्पादन देने वाले हैं। इसी तरह रीवा में ही जेके 4 कुटकी की नवीनतम किस्म विकसित की गई है। इसका भी उत्पादन बहुत अच्छा है। मोटे अनाज से कई तरह के व्यंजन बनाए जा रहे हैं। इनसे कैंडी, टाफी, बिस्किट, सेवंई आदि भी बनाई जा रही हैं। मोटे अनाज की खेती को अपनाने पर अच्छी आय के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। बैठक में जिले के विभिन्न एफपीओ ने उन्हें विपणन की सुविधा देने, खाद-बीज की बिक्री का लाइसेंस तथा मण्डी में पंजीयन से शुल्क की छूट का लाभ की माँग रखी। बैठक में उप संचालक कृषि यूपी बागरी ने मोटे अनाज की खेती के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। बैठक में कृषि वैज्ञानिक डॉ संजय सिंह, सहायक संचालक उद्यानिकी योगेश पाठक तथा एफपीओ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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