समाहरणालय स्थित परिचर्चा भवन में जिला उर्दू भाषा कोषांग के तत्वाधान में उर्दू भाषी छात्र- छात्राओं के लिए भाषण ,वाद -विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
सीतामढ़ी विशाल समाचार संवाददाता: आयोजन का उद्घाटन जिलाधिकारी सीतामढ़ी श्री रिची पांडेय के द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया।
मौके पर उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि उर्दू भाषी छात्र-छात्राओं के प्रोत्साहन के मद्देनजर इस तरह के प्रतियोगिता का आयोजन काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा कि उर्दू बिहार के द्वितीय राजभाषा है और इसके विकास के लिए समय-समय पर इस तरह के कार्यक्रम निश्चित रूप से सराहनीय है। उन्होंने कहा कि उर्दू एक मीठी जुबान है अपने उत्पत्ति से लेकर आज तक भारत के सभ्यता एवं संस्कृति को प्रभावित करती रही है। कहा कि भारत की गंगा जमुनी तहजीब को सजाने संवारने में इस भाषा ने काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उक्त कार्यक्रम उर्दू निदेशालय मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग ,बिहार के तत्वाधान में जिला उर्दू कोषांग के द्वारा आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में उर्दू भाषा के प्रोत्साहन के लिए छात्र छात्राओं द्वारा विभिन्न विषयों पर उर्दू भाषा में वाद विवाद और चर्चा की गई। कार्यक्रम में जिले के हाई स्कूल ,उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों, कॉलेज एवं सरकारी मदरसों में पढ़ने वाले छात्र- छात्राओं ने शिरकत किया।वाद विवाद प्रतियोगिता में मैट्रिक/ समकक्ष के लिए तालीम की अहमियत एवं शराब ,सभी बुराइयों की जड़ ,इंटर समकक्ष समूह के लिए सफाई की अहमियत एवं जल-जीवन- हरियाली, ग्रेजुएशन समकक्ष वर्ग समूह के लिए उर्दू ग़ज़ल की आवामी मकबूलियत विषय रखा गया था। उपरोक्त निर्धारित विषयों पर सभी समूह के प्रतिभागियों ने अपने अपने- विचार रखे। वाद विवाद प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल में प्रो ०डॉ सनाउल्लाह, मौलाना अब्दुल वदूद , श्री एम आर चिश्ती, श्री जमील अख्तर शफीक, श्री कमर आलम भिसवाही शामिल थे। कार्यक्रम में जिला भूअर्जन पदाधिकारी विकास कुमार , उर्दू शाखा के प्रभारी पदाधिकारी कुमार धनंजय , जिला जन संपर्क अधिकारी कमल सिंह, जिला के मैट्रिक,इंटर ,ग्रेजुएट स्तर के उर्दू शिक्षक ,सभी स्तर के मदरसा शिक्षक उपस्थित थे।
कार्यक्रम में मंच संचालन का कार्य मोहम्मद फूल हसन के द्वारा किया गया।