कडी मेहनत, निरंतरता और लगन से मिलेगी सफलता
विनय सिंह की सलाह: अलार्ड यूनिवर्सिटी के पहले बैच की शुरूआत
पुणे: ” कडी मेहनत, दृढता, कार्य नैतिकता और नई चीजें सीखने की आदत निश्चित रूप से किसी भी छात्र को सफलता दिला सकती है. साथ ही समय प्रबंधन और मल्टी टास्किंग कौशल भविष्य को उज्ज्वल बना सकते है. ऐसी सलाह एवन के वर्चुअल एजुकेशन के राष्ट्रीय प्रमुख विनय सिंह ने दी.
हम अलग है, हम अलार्ड है के नारे के साथ शैक्षणिक वर्ष २०२३-२४ से शुरू हुए अलार्ड विश्वविद्यालय के पहले बैच के उद्घाटन कार्यक्रम में वे बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे.
इस अवसर पर इनोवेशन इंडिया के डिजिटल इंजीनियरिंग के उपाध्यक्ष मुकुंद वांगिकर, आईबीएम टेक्नोलॉजी के वरिष्ठ प्रबंधक डॉ. प्रदीप वाइकोस विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता अलार्ड यूनिवर्सिटी के संस्थापक एवं चांसलर डॉ. एल.आर यादव ने निभाई.
साथ ही विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पूनम कश्यप एवं अलार्ड चैरिटेबल ट्रस्ट सचिव डॉ. राम यादव मौजूद थे.
विनय सिंह ने कहा, वैश्वीकरण के युग में बाजार में बदलावा हो रहा है. २०२३ तक किसी भी नई कंपनी का जीवनकाल केवल १० साल का होगा. इसलिए केवल जिनके पास कौशल होगा वे ही जीवित रह पाएंगे. भविष्य में लगभग सभी कंपनियां इन कौशलों पर आधारित होगे. कौशल विकसित किया जाना चाहिए यदि ऐसा होता है, तो इन छात्रोंं को नौकरी करते समय प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं होगी.
डॉ.एल.आर.यादव ने कहा, यहां ऐसे छात्र तैयार किए जाएंगे जो नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले होंगे. कडी मेहनत, ईमानदारी, व्यावहारिक ज्ञान के बिना सफलता संभव नहीं है. इस वर्ष हमने छात्रों को ४ करोड रूपयों की छात्रवृत्ती प्रदान की है. यदि आप जीवन में आगे बढना चाहते हैं तो अपने माता पिता की सेवा करने और कडी मेहनत करने की ताकत रखें.
डॉ. पूनम कश्यप ने कहा, छात्रोंं का करियर ज्ञान के आधार पर बनेगा. छात्रों को उनके कलात्मक गुणों का उपयोग करके वैश्विक स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया जाएगा. हम यहां के अनुभवी शिक्षकों और उनके ज्ञान का उपयोग उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए करेंगे. नवाचार, अनुसंधान और छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए परियोजना आधारित शिक्षा प्रदान की जाएगी.
इसके बाद मुकुंद वांगीकर और डॉ. प्रदीप वाइकोस ने टिप्पणी की कि भविष्य मेंं विभिन्न कंपनियों में छात्रों की मांग कैसे होगी. साथ ही जीवन में कई समस्याएं आएंगी, लेकिन उन्हें बताया गया कि कैसे बिना डगमगाए अनुभव के बल पर उन समस्याओं पर पर काबू पाया जाए.
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के मानव संसाधन विभाग की निदेशक श्वेता यादव, फार्मसी की प्राचार्या सोनिया सिंह, स्कूल आफ मैनेजमेंट के डॉ डी.के. त्रिपाठी, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के अधिष्ठाता डॉ. आशीष दीक्षित, स्कूल ऑफ हेल्थ एंड बायोसाइस के अधिष्ठाता डॉ.अजय जैन, स्कूल ऑफ मीडिया के प्रमुख प्रो. अमित छत्री, स्कूल ऑफ लॉ के प्रमुख एड. युवराज श्रीपतराव धविले उपस्थित थे.
विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार डॉ. अनन्या अर्जुन ने आभार माना.