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टाटा मोटर्स की ऑटोमोटिव स्किल लैब्‍स पहल से गज़ल जोशी को मिली कामयाबी

टाटा मोटर्स की ऑटोमोटिव स्किल लैब्‍स पहल से गज़ल जोशी को मिली कामयाबी

 

 

टाटा मोटर्स कम संसाधनों वाले भारतीय युवाओं को शिक्षा एवं कौशल में सहयोग से बढ़ावा देने के लिये प्रतिबद्ध है। कंपनी ने अपने सपनों को पूरा करने और कॅरियर में उल्‍लेखनीय उपलब्धियाँ अर्जित करने में कई लोगों को सशक्‍त किया है। ऐसी ही एक महत्‍वपूर्ण कहानी जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) की कक्षा 12वीं के छात्र गज़ल जोशी की है। जेएनवी उन केन्‍द्रीय स्‍कूलों का सिस्‍टम है, जिन्‍हें नवोदय विद्यालय समिति (एनवीएस) चलाती है। यह मुख्‍य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिये होता है।

 

 

 

गज़ल कृषि की पृष्‍ठभूमि से आते हैं। उनके पिता खेती करते हैं और माता गृहिणी हैं। फिर भी, बचपन से ही गज़ल को कारों का बड़ा रोमांच रहा और वह कारों का भीतरी सिस्‍टम भी जानना चाहते थे। मोटोजीपी और फार्मूला 1 जैसे रेसिंग इवेंट्स ने उनकी जिज्ञासा को बढ़ाया और ऑटोमोटिव डिजाइन तथा इंजीनियरिंग में उनकी रुचि जगा दी। इस रुचि को आखिरकार एक ठिकाना मिल ही गया, जब वह टाटा मोटर्स द्वारा चुनिंदा जेएनवी के परिसरों में लगाई गईं ऑटोमोटिव स्किल्‍स लैब में एनरोल हुए। कॉमर्स का छात्र होने और कृषि की पृष्‍ठभूमि से आने के बावजूद गज़ल ने अपने जुनून को जीने की ठानी। ऑटोमोटिव स्किल लैब्‍स पहल ने उन्‍हें व्‍यावहारिक अनुभव दिया और ऑटोमोबाइल सिस्‍टम्‍स की पेचीदगियों से रूबरू किया। उद्योग के पेशेवरों ने असल दुनिया की जानकारियाँ दीं और गज़ल कुछ अलग ही सपने देखने के लिये प्रेरित हुए।

 

 

 

गज़ल अपना आभार जताते हुए कहते हैं, ‘‘ऑटोमोटिव स्किल प्रोग्राम और टाटा मोटर्स की ऑटोमोटिव सुविधा ने मेरी जिन्‍दगी बदलकर रख दी। यह कोर्स मैंने किसी बैकअप प्‍लान के तौर पर जॉइन नहीं किया था; रूढि़यों को तोड़ना और ऑटोमोटिव उद्योग में कॅरियर बनाना मेरी अपनी पसंद थी।’’

 

 

 

भारतीय युवाओं के लिये कौशल के प्रशिक्षण की आवश्‍यकता एवं महत्‍व पर जोर देते हुए, टाटा मोटर्स के सीएसआर प्रमुख विनोद कुलकर्णी ने कहा, ‘‘टाटा मोटर्स में हम प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिये बड़े प्रतिबद्ध हैं और विशेष रूप से उन युवाओं को सहयोग दे रहे हैं, जो सामाजिक तथा आर्थिक तौर पर वंचित समुदायों से आते हैं। राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति स्‍कूली छात्रों को उनके नियमित विषयों के अतिरिक्‍त व्‍यावसायिक प्रशिक्षण देने की सोच रखती है। यह उनकी रोजगार-योग्‍यता को बढ़ाने और हमारी अर्थव्‍यवस्‍था में कुशलताओं की जरूरतें पूरी करने के लिये है। जवाहर नवोदय विद्यालय के साथ अपनी अनूठी भागीदारी के माध्‍यम से हम उसी सोच का पैमाना बढ़ा रहे हैं और सुनिश्चित कर रहे हैं कि भारतीय युवा ऑटोमोटिव कार्यबल में शामिल होने के लिये अच्‍छी तरह से तैयार रहें। इस प्रकार उनकी पेशेवर सफलता के लिये एक पक्‍का रास्‍ता बनेगा।’’

 

 

 

गज़ल का भविष्‍य उज्‍ज्‍वल है और अवसरों से भरा हुआ है। अपनी स्‍कूली पढ़ाई में सफल होने के बाद वह मैन्‍युफैक्‍चरिंग टेक्‍नोलॉजी में डिप्‍लोमा करेंगे। इसमें उन्‍हें टाटा मोटर्स से पूरा स्‍टाइपेंड और टाटा मोटर्स के संयंत्र में काम करते हुए प्रशिक्षण भी मिलेगा। इसके बाद वह ऑटो उद्योग में नौकरी पाने के योग्‍य होंगे।

 

 

 

यदि वह टाटा मोटर्स में ही काम जारी रखना चाहेंगे, तो इसके साथ उन्‍हें इंजीनियरिंग में बीटेक करना होगा। यह 3.5 साल का एक प्रोग्राम है, जिसे इंजीनियरिंग के चुनिंदा संस्‍थानों के साथ भागीदारी में विकसित किया गया है। टाटा मोटर्स में पाँच साल बिताने के बाद वह स्‍थायी कर्मचारी बन जाएंगे। यह उनकी लगन और टाटा मोटर्स के सहयोग को दर्शाता है।

 

टाटा मोटर्स बुलंदियों पर पहुंचने वाले गज़ल के साथ गर्व के साथ खड़ा है और एक बार में एक कौशल सिखाकर बदलाव को बढ़ावा दे रहा है।

 

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